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पहलगाम आतंकी हमले में शहीद दिनेश मिरानिया को सिंधी काउंसिल ने दी श्रद्धांजलि

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ShivApr 23, 20251 min read

रायपुर।   जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद…

India Intellectual Conclave 2025: छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद आयोग के अध्यक्ष गौतम चौरड़िया को अशोका अवार्ड से किया गया सम्मानित

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ShivApr 23, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति एवं वर्तमान में उपभोक्ता…

नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म : आरोपी शिक्षक की सेवा समाप्त, DEO ने जारी किया आदेश  

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ShivApr 23, 20252 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही।  छत्तीसगढ़ में नाबालिग स्कूली छात्रा से हैवानियत करने वाले…

April 23, 2025

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CGMSC घोटाले में हाई कोर्ट ने खारिज की आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका…

बिलासपुर। CGMSC घोटाले की सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 4 आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. करीबन 660 करोड़ के घोटाले की ACB-EOW जांच कर रही है. 

2021 में मेडिकल उपकरण खरीदी में बड़ा घोटाला हुआ था. आरोप है कि जरूरत का सही आंकलन किए बगैर खरीदी की गई है. मामले में ACB-EOW ने मोक्षित कार्पोरेशन, रिकॉर्ड्स और मेडिकेयर सिस्टम, श्री शारदा इंडस्ट्रीज, सीबी कार्पोरेशन के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है.

छत्तीसगढ़ के राजकोष को किया गया खाली

कांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग के CGMSC ने मोक्षित कॉरपोरेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की राजकोष को खाली किया गया था. इस पूरे मामले को लेकर भारतीय लेखा एंव लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था.

दो साल के ऑडिट में खुली थी पोल

लेखा परीक्षा की टीम की ओर से CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था. ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया.

बिना जरूरत की हॉस्पिटलों को सप्लाई

प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी. ऑडिट टीम के अनुसार DHS ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था.