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जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, सेवा समाप्ति का आदेश किया निरस्त

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ShivApr 19, 20252 min read

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भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने सुप्रीम कोर्ट पर की अभद्र टिप्पणी ! फेसबुक पोस्ट वायरल होते ही दी सफाई…

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April 19, 2025

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प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी से बच्चों की मौत को हाईकोर्ट ने माना गंभीर, शासन की रिपोर्ट का परीक्षण करने दिया आदेश

बिलासपुर- प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी के चलते बीते पांच साल में 40 हजार बच्चों की मौत को हाईकोर्ट ने गंभीर माना है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि शासन की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सरकारी अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की कमी चिंताजनक हैं.

दरअसल, सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्था और सुविधाओं की कमी को लेकर खबर आई थी, जिसके मुताबिक पिछले पांच साल में शून्य से लेकर पांच साल की उम्र के 40 हजार बच्चों की मौत हुई है. इनमें 25 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत तो जन्म के महज एक माह के भीतर हो गई. इसी तरह मृत जन्म यानी स्टिल बर्थ की संख्या भी 24 हजार से ज्यादा है. ऐसे में प्रदेश में औसतन हर साल 8 हजार से ज्यादा शिशुओं की मौत हो रही है.

खबर को लेकर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया, और मामले की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई चल रही है. इस मामले की सुनवाई के दौरान शासन ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई, कोर्ट ने कहा, इस रिपोर्ट के अनुसार अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की कमी है जो जरूरत से आधी है. कोर्ट ने शासन की रिपोर्ट का न्यायिक अधिकारी से परीक्षण कराने के बाद पेश करने के लिए कहा है.