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स्वास्थ्य विभाग ने थोक में किया डॉक्टरों का तबादला, जानिए किसे कहां मिली नियुक्ति…

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ShivNov 21, 20241 min read

रायपुर। लोक स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग ने गुरुवार को थोक में…

समग्र शिक्षा अभियान और स्वायत्त निकायों की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत: बृजमोहन अग्रवाल

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ShivNov 21, 20242 min read

नई दिल्ली/रायपुर।   रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल गुरुवार को राज्यसभा सचिवालय…

रायपुर रेंज में ढाई करोड़ की शराब पर चला पुलिस का बुलडोजर, देखें VIDEO …

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ShivNov 21, 20242 min read

रायपुर/बलौदाबाजार/महासमुंद।     रायपुर रेंज में आज जिला प्रशासन और पुलिस…

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने सुशासन पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन का किया शुभारंभ

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ShivNov 21, 20244 min read

रायपुर।     सुशासन विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है।…

November 21, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी से बच्चों की मौत को हाईकोर्ट ने माना गंभीर, शासन की रिपोर्ट का परीक्षण करने दिया आदेश

बिलासपुर- प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी के चलते बीते पांच साल में 40 हजार बच्चों की मौत को हाईकोर्ट ने गंभीर माना है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि शासन की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सरकारी अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की कमी चिंताजनक हैं.

दरअसल, सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्था और सुविधाओं की कमी को लेकर खबर आई थी, जिसके मुताबिक पिछले पांच साल में शून्य से लेकर पांच साल की उम्र के 40 हजार बच्चों की मौत हुई है. इनमें 25 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत तो जन्म के महज एक माह के भीतर हो गई. इसी तरह मृत जन्म यानी स्टिल बर्थ की संख्या भी 24 हजार से ज्यादा है. ऐसे में प्रदेश में औसतन हर साल 8 हजार से ज्यादा शिशुओं की मौत हो रही है.

खबर को लेकर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया, और मामले की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई चल रही है. इस मामले की सुनवाई के दौरान शासन ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई, कोर्ट ने कहा, इस रिपोर्ट के अनुसार अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की कमी है जो जरूरत से आधी है. कोर्ट ने शासन की रिपोर्ट का न्यायिक अधिकारी से परीक्षण कराने के बाद पेश करने के लिए कहा है.