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गोवा ट्रिप का झांसा देकर 70 लाख की ठगी, ससुराल से एक आरोपी गिरफ्तार

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ShivMay 19, 20252 min read

दुर्ग।  जिले के पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र में गोवा ट्रिप,…

शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

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ShivMay 19, 20253 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले…

CM विष्णुदेव साय ने लगाई पीएचई के सब इंजीनियर को फटकार, कहा- ‘काम करो या सस्पेंड होने के लिए तैयार रहो, गेट आउट’

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ShivMay 19, 20252 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही।  छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन तिहार का तीसरे चरण जारी…

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू, जानिए पूरी डिटेल…

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ShivMay 19, 20252 min read

रायपुर।   केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) 2025…

May 19, 2025

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हाई कोर्ट ने माना विधवा बहू अपने ससुर से भरण-पोषण की हकदार, परिवार न्यायालय का आदेश रखा बरकरार…

बिलासपुर। बेटे की मौत के बाद बेवा बहू व पोती के भरण पोषण को लेकर ससुर द्वारा लगाई गई अपील को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. मामले में परिवार न्यायालय ने 1500 सौ रुपये पेंशन देने कहा था, आदेश के खिलाफ 40 हजार रु पेंशन पाने वाले ससुर ने हाई कोर्ट में अपील की थी. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने परिवार न्यायालय के आदेश को यथावत रखते हुए अपील खारिज कर दी है. मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस संजय जायसवाल की डिवीजन बेंच में हुई।

बंगलापारा, रायपुर जिले के तुमगांव निवासी जनकराम साहू के बेटे अमित साहू की वर्ष 2022 में मौत हो गई थी. इसके बाद उसकी पत्नी मनीषा साहू, 29 वर्ष और पुत्री  कु. टोकेश्वरी साहू उम्र लगभग 9 वर्ष के सामने अपना जीवन चलाने का संकट हो गया. मनीषा ने पारिवारिक न्यायालय महासमुंद में अपनी बेटी के लिए जीवन निर्वाह भत्ता दिलाने की मांग अपने ससुर से की. जिसे मंजूर कर फेमिली कोर्ट ने माँ को 1,500 रुपये प्रति माह और प्रतिवादी संख्या 2 बेटी को 500 रुपये प्रति माह देने का आदेश दिया. इसके खिलाफ जनकराम ने हाईकोर्ट में अपील की.

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया गया कि अमित साहू की मृत्यु 2 जनवरी 2022 को हो गई थी. अपने जीवनकाल के दौरान वह पत्नी और बच्ची को 2 हजार रुपये का रखरखाव भुगतान करते थे. उनके पिता जनकराम साहू वर्ष 2013 में बिजली विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे. सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें 40,000 रुपए प्रति माह पेंशन मिलती है. इसके अलावा मकान किराये के रूप में प्रति माह 10,000 रुपये मिलते हैं. मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा कि हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम 1956 के तहत विधवा बहू अपने ससुर से भरण-पोषण की हकदार है. कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है.