Special Story

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज यहां नवा रायपुर के…

थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

ShivJun 15, 20251 min read

दुर्ग। जिले में प्रशासनिक कारणों से शनिवार को पुलिस अधीक्षक…

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर।  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर हो रहे इस राष्ट्रीय…

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। डुंडा पाम मिडास के बाजू फ्रेंड्स क्लब कॉलोनी के…

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

ShivJun 15, 20252 min read

कोंडागांव।   कोंडागांव जिला में एक पिकअप वाहन के पलटने से…

June 16, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

भगोरिया को राजकीय स्तर पर उत्सव के रूप में मनाएगी सरकार : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगोरिया उल्लास का पर्व है। यह फागुन के रंगों से सराबोर प्रकृति की खुशबू में कुछ पल थम जाने और इसी में रम जाने का पर्व है। हमारी सरकार भगोरिया का उल्लास बरकरार रखेगी। अब भगोरिया को राजकीय स्तर पर उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। यह इसी वर्ष से शुरू किया जाएगा। वे स्वयं भी भगोरिया उत्सव में शामिल होंगे। सरकार छोटे-छोटे स्थान पर जनजातीय देवी-देवताओं के पूजा स्थलों को विकसित करने के लिए सहायता देगी। हम कोरकू उत्सव भी मनाएंगे। इसके अलावा जनजातीय समाज के जितने भी त्यौहार आने वाले हैं, सरकार उन्हें राजकीय स्तर पर मनाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास में हुए जनजातीय देवलोक महोत्सव में यह महत्वपूर्ण सौगातें दीं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज हमारा गौरव है। जनजातीय नायकों ने स्वाधीनता संग्राम में अपना बलिदान दिया। वे किसी के भी सामने झुके नहीं। जनजातियों की देशज पुरा संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए सरकार उनका सहयोग करेगी। जनजातियों की विशेष पूजा पद्धति, रीति-रिवाज संस्कृति, संस्कार यह सब हमारी धरोहर हैं। सरकार इन्हें संजोकर रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।

आरंभ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी अतिथियों के साथ जनजातीय परम्परा एवं पूजा पद्धति से बड़ा देव पूजन एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने सभी जनजातीय बंधुओं से जय बड़ा देव और जय जोहार का उद्घोष कराया। समारोह स्थल पर आगमन के दौरान जनजातीय समुदाय के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य एवं वाद्य यंत्रों, मांदल की थाप से अपनी मनमोहक नृत्य प्रस्तुतियों के साथ महोत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी मेजबान के रूप में मुख्यमंत्री निवास आए सभी मेहमानों/आगंतुकों पर पुष्पवर्षा कर उनका हार्दिक स्वागत किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का महोत्सव जनजातीय समाज के धार्मिक मुखियाओं का सम्मान है। जनजातीय संस्कृति को संरक्षित रखने वाले ओझा, पटेल, पुजारा, तड़वी, भगत, भुमका, पंडा एवं अन्य धर्म मुखियाओं सरकार के लिए सदैव सम्मानित रहेंगे। उन्होंने कहा कि जनजातियों की संस्कृति में आत्मीयता है, इनकी बोली में प्रेम प्रतिबिंबित होता है। जनजातियों की पूजा पद्धति प्रकृति के प्रति आस्था को व्यक्त करती है। जनजातियों के सभी देवी देवताओं और इनकी प्रकृति के प्रति आभार पूजा पद्धतियों को भी नमन है। प्रकृति पूजक जनजातीय संस्कृति हम सबको जीना सिखाती है, जीवन का आनंद लेना सिखाती है। जल, जंगल, जमीन और जमीर बचाने में जनजातीय महानायकों ने अपने प्राणोत्सर्ग कर दिए। जनजाति समाज भारत का गौरव है। टंट्या मामा, रानी दुर्गावती, अमर शहीद रघुनाथ शाह और कुंवर शंकर शाह इसकी पहचान हैं। जनजातीय समाज ने सदियों से भारतीय संस्कृति को और अधिक पल्लवित किया है। जनजातीय समाज के वाद्य यंत्र और उनकी बोली मानवीय भावों का उदात्त प्रकटीकरण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय बंधुओं से अपील की है कि इस समृद्ध संस्कृति को हमेशा बनाए रखें। सरकार इसमें मदद करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समाज के लिए बड़े काम किए हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने वहां के जनजातियों के उत्थान के लिए अनुकरणीय कार्य किए। केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन-मन योजना, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पेसा एक्ट के जरिए राज्य सरकार ने जनजातीय बंधुओं को सशक्त बनाने की दिशा में प्रभावी प्रयास किए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय संस्कृति के पैरोकार नर्तक दल और वाद्य यंत्र कलाकारों के समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि जनजातीय देवलोक महोत्सव में आए सभी जनजातीय नर्तकों एवं वाद्य कलाकारों को प्रोत्साहन स्वरूप पांच-पांच हजार रूपए की धनराशि दी जाएगी। इसके जनजातियों देवस्थानों एवं इनके देवी देवताओं के प्रतीकों, पूजा स्थलों एवं पूजा पद्धतियों के संरक्षण के लिए प्रदेश की सभी पेसा ग्राम पंचायतों को तीन-तीन हजार रूपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने मंच से जनजातीय नर्तकों एवं वाद्य कलाकारों को पांच-पांच हजार रूपए एवं पेसा ग्राम पंचायतों को तीन-तीन हजार रुपये की वित्तीय सहायता राशि के चेक भी वितरित किए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेसा एक्ट के जरिए हमने जनजातीय समाज को और अधिक अधिकार संपन्न बनाया है। जल जीवन मिशन को सफल बनाने का जिम्मा भी हमने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री के रूप में हमारी जनजातीय बहन संपत्तियां उइके को सौंपा है। जनजातियों के समग्र कल्याण की जिम्मेदारी हमारी सरकार ने वरिष्ठ मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह को दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने 2.5 लाख से अधिक वन अधिकार पत्र देकर जनजातीय बंधुओं को उनका वाजिब हक दिलाया है। हमारी सरकार प्रदेश के सभी जनजातीय क्षेत्रों में नर्मदा का जल पहुंचाएगी। प्रदेश में किसानों को बिजली का स्थाई कनेक्शन मात्र पांच रूपए में उपलब्ध कराया जाएगा। शुरुआत में यह व्यवस्था मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्र में होगी। आगे पूरे प्रदेश में हम इसे लागू करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंचाई की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अगले तीन साल में हम प्रदेश के सभी किसानों को सोलर पंप मुहैया कराएंगे। इससे किसान खुद बिजली उत्पन्न कर अपने खेत में सिंचाई भी करेंगे। किसानों द्वारा उत्पादित अतिरिक्त बिजली सरकार खरीदेगी। इस वर्ष प्रदेश के गेहूं उत्पादक किसानों को 2600 रूपए प्रति क्विंटल के भाव से उपार्जन का लाभ मिलेगा। साथ ही खरीफ-2024 के लिये धान उत्पादक किसानों के खाते में प्रति हेक्टेयर 4 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि ट्रांसफर की जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार घर-घर गौपालन को बढ़ावा देगी। हम प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए तेजी से प्रयासरत है। किसानों को पांच रूपए प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि (बोनस) देने का निर्णय भी हम ले चुके हैं। किसानों द्वारा उत्पादित दूध सहकारिता विभाग के माध्यम से अब हमारी सरकार खरीदेगी। हम सभी को प्रधानमंत्री आवास बना कर देंगे, प्रदेश का कोई भी पात्र हितग्राही इससे वंचित नहीं रहेगा। हर घर बिजली-पानी, सबको पक्का मकान, नि:शुल्क राशन और बच्चों को पढ़ाई के लिए सभी सुविधाएं हमारी सरकार मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में आवागमन की समस्या के निदान के लिए हमारी सरकार फिर से शासकीय बसें चलाएगी। इससे आवागमन की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में वन क्षेत्रों के विकास और संवर्धन में जनजातियों की बड़ी भूमिका है। जनजातियों के कारण ही हमारे वन सुरक्षित है। वनों की सुरक्षा में हम जनजातीय बंधुओं से और अधिक सहयोग लेंगे, उनकी जरूरतें पूरी करेंगे और वनोपज का लाभांश भी देंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय समाज के भील, भिलाला, पटेलिया, पनिका, गोंड, कोरकू, मवासी, परधान, कोल, उरांव, बैगा, भारिया एवं सहरिया प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें देवलोक महोत्सव एवं होली की शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री दुर्गादास उईके ने कहा कि जनजातियों की संस्कृति आद्य संस्कृति है। भारत के निर्माण विकास में जनजातियों की बड़ी भूमिका रही है। देश को स्वाधीनता दिलाने में जनजातीय नायकों ने बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि जनजातियों की संस्कृति के संरक्षण में देवलोक महोत्सव का यह आयोजन मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व एवं संवेदनशील मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में हमारा प्रदेश स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश में सरकार की योजनाओं के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों का तेजी से विकास हो रहा है।

जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि समाज का विकास सबकी भागीदारी और सहयोग से ही संभव है। आज का यह महोत्सव एक सामाजिक मिलन समारोह है। प्रदेश में विकास की बयार बह रही है। यह कारवां अब रूकेगा नहीं। हम सब मिलकर इस प्रदेश और जनजातियों के विकास के लिए काम कर रहे हैं।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके ने कहा कि जनजातियों को हमारी सरकार ने मान-सम्मान दिया। हमारी पूजा पद्धतियों और धार्मिक मुखियाओं का सम्मान जनजातियों का सम्मान है। हमारी सरकार, जल, जंगल, जमीन और जनजातियों की चिंता कर रही है। हमारी सरकार ने जनजातीय नायकों के गौरव को मान दिया और उनके स्मारक बनावाए। जनजातीय संस्कृति और संस्कार के विकास के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है।

अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश के मुखिया के आवास में जनजातियों को इतना मान-सम्मान मिला है। प्रदेश में जनजातियों का ‍विकास सभी को स्पष्ट दिखाई दे रहा है। विभिन्न योजनाओं के जरिए देश-प्रदेश में जनजातियों के कल्याण के लिए तेजी से काम हो रहे हैं। सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए भी हमारी सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। कार्यक्रम के

आरंभ में अपर सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम ने आयोजन के बारे में बताते हुए कहा कि प्रदेश की 16 हजार से अधिक ग्राम सभाओं से चयनित धार्मिक मुखिया यहां आए हैं। जनजातीय संस्कृति के साथ-साथ सरकार जनजातीय क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के जरिए विकास पहुंचाना चाहती है। इसके लिए सरकार द्वारा यहां आए सभी जनजातीय धर्म मुखियाओं को एक प्रचार-प्रसार किट प्रदान की जा रही है,‍जिसमें सरकार की योजनाओं की जानकारियों का साहित्य उपलब्ध है। इस साहित्य के जरिए धर्म मुखिया जनजातीय बंधुओं को सरकार के कल्याणकारी कदमों और योजनाओं की जानकारी देंगे। सरकार का यह कदम जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया के प्रति जागरूकता लाने में भी सहायक होगा।

कार्यक्रम को जनजातीय समाज के धर्मगुरू मनोज पटेल, सूरसिंह मीणा, बृज गोपी सहित अन्य धर्म मुखियाओं ने भी संबोधित कर अपनी बात रखी। सभी ने एक स्वर में कहा कि जनजातियों की संस्कृति, पूजा स्थलों एवं रीति-रिवाजों के लिए सरकार की पहल सराहनीय है और इस पुनीत कार्य में प्रदेश का पूरा जनजातीय समाज सरकार को सहयोग करेगा।

कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राधा सिंह, विधायक भगवानदास सबनानी, जनजातीय समाज के सभी धार्मिक मुखिया सहित प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य गुलशन बामरा, आयुक्त जनजातीय विकास श्रीमन शुक्ल तथा बड़ी संख्या में प्रदेश के दूरदराज से आए जनजातीय बंधु उपस्थित थे।