टीकाकरण के बाद बच्ची को रिएक्शन, पूरे शरीर में हुए फोड़े, शिकायत पर अब तीन सदस्यीय टीम करेगी जांच

सक्ती। जिले में टीकाकरण के बाद 5 वर्षीय बच्ची को रिएक्शन होने का मामला सामने आया है. बच्ची को इलाज के लिए रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उसे अब रायपुर रेफर किया गया है. मामले की शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने जांच टीम गठित की है।
घटना 15 अप्रैल की है. ग्राम बांधापाली निवासी मुन्नालाल बघेल की बेटी मानवी को आंगनबाड़ी केंद्र में नियमित टीकाकरण के लिए ले जाया गया था. एएनएम ने आरएचओ, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और मितानीन की उपस्थिति में टीका लगाया.
15 दिनों तक मेडिकल कॉलेज में चला इलाज
बच्ची का लगभग 15 दिनों तक रायगढ़ के मेडिकल कालेज में इलाज चला. बच्ची के पूरे शरीर में फोड़ा हो गया है, इसके साथ बच्ची के आँख, कान में भी इन्फेक्शन हो गया है. आंख नहीं खुल रही है. बच्ची के परिजनों ने आशंका व्यक्त की है कि बच्ची को या तो गलत टीका लगा दिया गया है या फिर मात्रा से अधिक डोज दिया गया है, जिससे पूरे शरीर में फोड़ा हो गया है.
जिम्मेदारों पर संज्ञान नहीं लेने का आरोप
परिजनों का आरोप है कि जिन जिम्मेदारों की उपस्थिति में टीका लगाया गया था किसी ने भी आज तक संज्ञान नहीं लिया. बेटी की परेशानी से क्षुब्ध होकर आखिरकार परिजनों ने कलेक्टर के सामने गुहार लगाई और कहा कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए.
कलेक्टर ने की जांच टीम गठित
बच्ची के दादा रामकुमार बघेल ने कलेक्टर को पत्र लिखकर शिकायत की. कलेक्टर ने तुरंत मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच टीम गठित की है. टीम में एसडीएम डभरा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग को जांच का जिम्मा देते हुए 7 दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने कहा गया है.
टीका लगने के बाद आया बुखार
मामले के संबंध में कलेक्टर अमृत विकास टोपनो ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच टीम का गठन किया गया था. प्रारंभिक जाँच में पता चला है कि टीका लगने के पूर्व ही बच्ची के शरीर में कुछ लक्षण थे. उस दिन और भी बच्चों को टीका लगा है, लेकिन ऐसा किसी अन्य को रिएक्शन नहीं हुआ है. जब टीका लगने के बाद बुखार आया, तब परिजनों ने किसी चिकित्सक की सलाह पर दवाई का सेवन भी किया था.