Special Story

रात 12 के बाद भी हाइपर क्लब में चल रही थी पार्टी, पुलिस ने तत्काल कराया बंद

रात 12 के बाद भी हाइपर क्लब में चल रही थी पार्टी, पुलिस ने तत्काल कराया बंद

ShivMay 11, 20251 min read

रायपुर।  राजधानी रायपुर के हाइपर क्लब को पुलिस ने देर…

बिलासपुर हाईकोर्ट में पहले की तरह रहेगा ग्रीष्मकालीन अवकाश, वापस लिया गया आदेश

बिलासपुर हाईकोर्ट में पहले की तरह रहेगा ग्रीष्मकालीन अवकाश, वापस लिया गया आदेश

ShivMay 11, 20251 min read

बिलासपुर।  हाईकोर्ट बिलासपुर ने ग्रीष्मकालीन अवकाश की तिथि बढ़ाए जाने…

पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, जम्मू के कई इलाकों में की फायरिंग

पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, जम्मू के कई इलाकों में की फायरिंग

ShivMay 10, 20251 min read

जम्मू-कश्मीर।  युद्ध विराम पर सहमति के कुछ देर बाद ही…

May 11, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

बायपास की मांग अब तक अधूरी : शहर के बीचों-बीच दौड़ रहे भारी वाहन, सालभर में हुए 60 से ज्यादा हादसे

डोंगरगढ़।  शहर की सड़कों पर अब सिर्फ ट्रैफिक नहीं, मौत दौड़ रही है। यहां सड़कें रास्ता नहीं रहीं, बल्कि रणभूमि बन चुकी है, जहां हर रोज आम लोग अपनी जान की बाजी लगाकर निकलते हैं। स्कूल जाते मासूम बच्चे हो या दवा लेने निकले बुज़ुर्ग, हर कोई खुद को खतरे के साए में महसूस कर रहा है। वर्षों से बायपास की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार और जनप्रतिनिधियों की नजरें अब भी फाइलों के ढेर में उलझी है।

मुंबई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसे डोंगरगढ़ में बायपास न होने के चलते भारी वाहन शहर के बीचों-बीच से गुजरते हैं। तेज रफ्तार ट्रक स्कूल, बाजार, अस्पताल और सरकारी कार्यालयों के सामने से गुजरते हैं और इस पूरी सड़क में हादसे की आशंका बनी रहती है। इसी सड़क पर केंद्रीय विद्यालय, सरस्वती शिशु मंदिर समेत कई बड़े स्कूल हैं, जिसमें पढ़ने वाले हजारों बच्चे इसी सड़क का उपयोग करते हैं।

तीन दिन पहले एक युवक ट्रक की चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। चालक फरार हो गया, बाद में पकड़ा गया, लेकिन क्या इससे उसकी मां की सूनी गोद फिर से भर सकेगी? आंकड़ों पर नजर डालें तो 2024 में 52 हादसे दर्ज हुए और 2025 की शुरुआत से अब तक 12 मामले दर्ज हो चुके हैं। ये सिर्फ आंकड़े नहीं, जिंदा सवाल है, क्या जानता की जान की कीमत सिर्फ एक गिनती बनकर रह गई है?

अफसर ने दबी जुबान से कहा – बायपास के लिए सर्वे चल रहा

डोंगरगढ़ के एसडीओपी आशीष कुंजाम ने स्वीकार किया कि ट्रैफिक का बढ़ता दबाव हादसों की प्रमुख वजह है, लेकिन इसका समाधान क्या होगा—इस पर जवाब अधूरे हैं। बड़े वाहन टोल से बचने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसकी कीमत आम जनता अपनी जान से चुका रही है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी केके सिंह कैमरे के सामने तो खामोश रहे, लेकिन दबी ज़ुबान से इतना जरूर कहा कि बायपास के लिए सर्वे चल रहा है, मगर यह सर्वे कब खत्म होगा और कितनी जानें इसकी कीमत बनेंगी?

सिस्टम की चुप्पी अब बर्दाश्त के बाहर

अब हालात यह है कि जनता की सहनशीलता जवाब दे चुकी है। हाथ जोड़ने से लेकर धरना-प्रदर्शन तक सब कर चुकी है डोंगरगढ़ की जनता, लेकिन सिस्टम की चुप्पी अब बर्दाश्त के बाहर है। ये सिर्फ बायपास की मांग नहीं, जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है।