Special Story

गुपचुप खिलाने के बहाने नाबालिक से दुष्कर्म, पुलिस ने आरोपी को 12 घंटे के भीतर किया गिरफ्तार

गुपचुप खिलाने के बहाने नाबालिक से दुष्कर्म, पुलिस ने आरोपी को 12 घंटे के भीतर किया गिरफ्तार

ShivMay 23, 20251 min read

राजनांदगांव। एक नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला…

दस लाख के ईनामी डिप्टी कमांडर सहित 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण…

दस लाख के ईनामी डिप्टी कमांडर सहित 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण…

ShivMay 23, 20251 min read

बीजापुर। बड़े नक्सली लीडर बसवराजु के मौत के बाद दो…

छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की 10वीं-12वीं परीक्षा के परिणाम घोषित, यहां देखें परिणाम…

छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की 10वीं-12वीं परीक्षा के परिणाम घोषित, यहां देखें परिणाम…

ShivMay 23, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल द्वारा आयोजित हाई स्कूल और…

May 23, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

फर्जी डीजल बिल के जरिए लाखों का खेल खेलने वाला लिपिक आखिरकार हुआ निलंबित

गरियाबंद। सीएमएचओ के सरकारी वाहन में डीजल डलवाने के नाम पर 25 लाख का गोलमाल करने वाले लिपिक को आखिरकार कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है. मामले में कार्रवाई से ज्यादा चर्चा गड़बड़ी के पुख्ता प्रमाण होने के बाद भी लिपिक के कार्यालय में जमा रहने की है, जिससे मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता का शक हो रहा है.

गरियाबंद सीएमएचओ कार्यालय सरकार के स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन से ज्यादा करप्शन को लेकर चर्चा में रहा है. चर्चित डीजल कांड में साल भर बाद अब जाकर कार्रवाई हुई है. नए कलेक्टर भगवान उईके के बैठते ही दबी फाइलें एक-एक करके निकल रहे हैं.

फाइलों में दब चुके डीजल कांड में 19 मई को कलेक्टर ने कार्रवाई किया है. डीजल के नाम पर 25 लाख की गड़बड़ी करने वाले सीएमएचओ के लिपिक वर्ग 2 विजेंद्र कुमार ध्रुव को निलंबित किया गया. आरोप था कि लिपिक ने पदीय कर्तव्य के विरुद्ध जाकर सरकारी वाहन सीजी 02 6140 में डीजल डलवाने के नाम पर जय लक्ष्मी पेट्रोल पंप से 25 लाख फर्जी बिल पास करवा लिया.

करप्शन कंप्रोमाइज का करार टूटा

पकड़ में आए गड़बड़ी में संबंधित अफसर भी भागीदार रहे, लेकिन वे बच गए. कारनामा सीएमएचओ केसी उरांव के कार्यकाल से शुरू हुआ जो गार्गी यदु पाल के आने के तक जारी रहा. हालांकि, मामला सामने आने के बाद डीजल पंप बदल कर कारनामे पर रोक लगा दिया गया, लेकिन भ्रष्टाचार का खेल दूसरे मद में जारी रहा.

हैरानी तब हुई जब दागी लिपिक विजेंद्र ध्रुव की करतूत से भली-भांति अवगत होने के बावजूद सीएमएचओ ने उसे तीन माह के सरकारी ट्रेनिंग पर भेजा. लेकिन अब लिपिक पर कार्रवाई के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएमएचओ दफ्तर में हुए आर्थिक अनियमितताओं से पर्दा उठेगा. चर्चा है कि निलंबित लिपिक ने कार्रवाई रोकने की शर्त पर कई कर्मकांड में अहम भागीदारी निभाई थी. चूंकि कार्रवाई रुकी नहीं, ऐसे में अब पर्दा उठने की उम्मीद है.