करोड़ों की लागत से निर्मित बिल्डिंग बनी बदबू और बीमारी का अड्डा, बेसमेंट में भरा पानी, चमगादड़ों ने बनाया घर…

जगदलपुर। शहर के प्राइम लोकेशन पर करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई दो बड़ी बिल्डिंगें अब खंडहर और बीमारी फैलाने का अड्डा बन चुकी हैं. खासकर कोतवाली चौक में नगर निगम द्वारा बनाई गई दीनदयाल उपाध्याय कॉम्प्लेक्स (DDU कॉम्प्लेक्स) का हाल बेहद खराब है. करोड़ों की लागत से बनी इस बिल्डिंग का उद्घाटन अब तक नहीं हुआ और अब यह शहर के लिए बदबू और संक्रमण का नया केंद्र बन चुकी है.

बता दें, कांग्रेस के शासनकाल में यहां डेढ़ करोड़ की लागत से सी मार्ट तैयार किया गया था उस वक्त जरूर लाईट और सजावट कर बिल्डिंग को चमकाया गया, भाजपा सरकार आई सी मार्ट तो बंद हो गया और दुबारा यह बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो गया, पिछले कुछ दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी जमा हो गया है. यह पानी वहां कई सालों से जमा हो रहा है और अब सड़ चुका है. साथ ही वहां चमगादड़ों ने डेरा डाल रखा है, जिनके मल-मूत्र से फैली बदबू आसपास के इलाकों को भी अपनी चपेट में ले चुकी है.
स्थानीय लोगों का जीना हुआ मुश्किल
बिल्डिंग के आसपास रहने वाले लोग और दुकानदार इस बदबू से बेहद परेशान हैं. चाय की दुकानों पर अब ग्राहक नहीं पहुंच रहे. दुकानदारों का कहना है कि लोग पास आकर बदबू के कारण वापस लौट जाते हैं. एक चाय दुकानदार ने कहा इतनी बदबू है कि कपड़े से मुंह ढककर दिनभर गुजारना पड़ता है ग्राहक चाय पीने तक नहीं आते. वहीं दुकानदार अभिषेक जैन ने बताया कि उनके व्यवसाय पर भी इसका सीधा असर पड़ा है.

नगर निगम ने जताई सुधार की उम्मीद
नगर निगम के महापौर संजय पांडे ने माना है कि दीनदयाल परिसर की हालत चिंताजनक है और इसे सुधारने के लिए 2 तारीख को सामान्य सभा में प्रस्ताव लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि भाजपा शासन काल में बनाए गए कई भवनों का रखरखाव कांग्रेस शासन में नहीं हो पाया जिससे आज यह हालत बनी है.
वहीं कांग्रेस पार्षद राजेश चौधरी ने कहा कि अगर इस बिल्डिंग के पार्किंग एरिया को समय पर शुरू किया गया होता, तो न सिर्फ यातायात का दबाव कम होता, बल्कि गंदगी और बदबू की यह स्थिति भी न आती. उन्होंने कहा कि बेसमेंट को पार्किंग के रूप में चालू किया जाए, जिससे वह उपयोग में आए और साफ-सुथरा बना रहे.
जनता को अब इंतजार है कार्रवाई का
अब जबकि नगर निगम और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही इस बदबू से निजात मिलेगी और इन बहुमूल्य परिसरों का उपयोग भी शुरू होगा.