Special Story

राज्यपाल के लेटरहेड से जालसाजी करने वाला फर्जी महामंडलेश्वर गिरफ्तार, राजभवन के सचिव ने दर्ज करायी थी FIR

राज्यपाल के लेटरहेड से जालसाजी करने वाला फर्जी महामंडलेश्वर गिरफ्तार, राजभवन के सचिव ने दर्ज करायी थी FIR

ShivApr 29, 20252 min read

रायपुर। कैथोलिक रायपुर में जालसाजी करने वाले फर्जी महामंडलेश्वर अजय…

साय कैबिनेट की बैठक कल, लिए जा सकते हैं ये महत्वपूर्ण फैसले

साय कैबिनेट की बैठक कल, लिए जा सकते हैं ये महत्वपूर्ण फैसले

ShivApr 29, 20251 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कल कैबिनेट की…

April 29, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

वन और वन्यजीव संरक्षण के लिए सरकार के प्रयासों पर पानी फेर रहा प्रशासन, जंगल किनारे किया जा रहा कचरा डंप

डोंगरगढ़।  एक तरफ सरकार ‘वन्यजीव संरक्षण’ और ‘स्वच्छ भारत’ जैसे अभियानों पर करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं डोंगरगढ़ नगर पालिका की लापरवाही इन योजनाओं को खुलेआम ठेंगा दिखा रही है. शहर के सरस्वती शिशु मंदिर से बछेरा भांटा रोड से लगे जंगल के किनारे खुलेआम कचरे का अंबार लगाया जा रहा है, वो भी कोई आम कचरा नहीं, बल्कि पॉलिथीन, झिल्ली, मेडिकल वेस्ट और अन्य खतरनाक अपशिष्ट. मणिकंचन केंद्र केवल नाम मात्र  का बनाया गया है और पूरे शहर का कचरा उसके पीछे लाकर बिना किसी उचित व्यवस्थापन के डंप किया जा रहा है जिसके चलते अब डोंगरगढ़ शहर का कचरा जंगल में कई किलोमीटर तक फैल चुका है.

दिन में गाय-भैंस और रात में वन्यजीव बन रहे ‘कचरे के शिकार’

दिन चढ़ते ही इन कचरे के ढेरों पर आवारा मवेशियों की भीड़ लग जाती है, तो रात होते ही कई जंगली जानवर इन्हीं जहरीले कचरों को भोजन समझकर खा लेते हैं. धीरे-धीरे ये कचरा उनके शरीर को अंदर से खा रहा है लेकिन इससे न नगर पालिका को फर्क पड़ता है, न वन विभाग को लेकिन इन दोनों विभागों की लापरवाही के चलते पर्यावरण जरूर बर्बाद हो रहा है.

वन विभाग की SDO गायब, नगर पालिका बेखबर!

कई बार इस गंभीर मुद्दे को वन्यजीव प्रेमियों द्वारा संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया, लेकिन हालात जस के तस हैं. वन विभाग की एसडीओ पूर्णिमा राजपूत अक्सर अपने कार्यालय में मौजूद नहीं होतीं और यदि कोई फोन करता है तो वो भी ‘अनसुना’ रह जाता है. ऐसा ही रवैया नगर पालिका के सीएमओ चंद्रकांत शर्मा का भी है. अभी हाल ही में इसी एरिया के मुक्तिधाम में कचरा डंप करने के चलते स्थानीय लोगों ने विरोध किया था लेकिन पालिका के सीएमओ के कान में जू तक नहीं रेंगी. स्थिति आज तक जस की तस है उल्टा अब हालत और भी बदतर हो रहे हैं.स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर हर साल लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन उसका असर जमीन पर नहीं बल्कि फाइलों में नजर आता है. शहर के वार्ड नंबर एक और तीन में मुक्तिधाम के साथ ही शहर के बाहर जो मंजर है, वह किसी गैस चेंबर से कम नहीं, जंगल के आसपास फैली यह गंदगी केवल वन्य जीवन ही नहीं, पूरी पारिस्थितिकी को खतरे में डाल रही है.

जहां एक तरफ सरकार हर मंच से हरे-भरे जंगलों को बचाने की बात करती है, वहीं उसके नुमाइंदे चुपचाप इस ‘पर्यावरणीय हत्या’ में भागीदार बन बैठे हैं. सवाल यह है कि क्या डोंगरगढ़ में पर्यावरण की सुध लेने वाला कोई है? 

SDM मनोज मरकाम ने कार्रवाई का दिया आश्वासन

बहरहाल डोंगरगढ़ एसडीएम मनोज मरकाम ने इस पूरे मामले पर गंभीरता दिखाते हुए जल्दी ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है अब देखना होगा कि नगर पालिका और वन विभाग की इस लापरवाही को कैसे सुधारा जाता है.