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प्राचार्य पदोन्नति पर हाईकोर्ट में सुनवाई: याचिकाकर्ताओं की दलीलें जारी, सुनवाई कल भी जारी रहेगी

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ShivJun 12, 20251 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में लंबे समय से लंबित प्राचार्य पदोन्नति विवाद…

हम सभी की साझी भागीदारी से ही पर्यावरण संरक्षण का संकल्प होगा पूरा : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivJun 12, 20253 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय…

अहमदाबाद में प्लैन क्रैश, 242 लोग थे सवार, लंदन जा रही थी फ्लाइट

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अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान टेक…

June 12, 2025

Apni Sarkaar

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तेंदूपत्ता घोटाला मामला : जेल में रहेंगे निलंबित IFS अशोक पटेल, कोर्ट ने 28 अप्रैल तक भेजा पुलिस रिमांड पर

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित तेंदूपत्ता बोनस घोटाले मामले में गिरफ्तार किए गए निलंबित डीएफओ (वनमंडलाधिकारी) और आईएफएस अधिकारी अशोक पटेल को आज आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने सुनवाई के बाद अशोक पटेल को 28 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है.

बात दें कि EOW ने अशोक पटेल को 2 दिन पहले ही पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था. पूछताछ के बाद अब एक बार फिर उन्हें पुलिस रिमांड पर भेजा गया है.

क्या है तेंदूपत्ता बोनस घोटाला?

आरोप है कि वर्ष 2021-22 में वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता बोनस वितरण के दौरान लगभग 7 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता हुई. यह राशि तेंदूपत्ता संग्राहकों को अप्रैल-मई 2022 में वितरित की जानी थी, लेकिन राशि के आहरण के बावजूद आदिवासी संग्राहकों को भुगतान नहीं किया गया. जब इस मामले की जानकारी पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को हुई, तो उन्होंने जनवरी 2025 में कलेक्टर सुकमा और सीसीएफ को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की.

शिकायत के बाद कलेक्टर और वन विभाग ने अलग-अलग जांच समितियां गठित की. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्राहकों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें तत्कालीन डीएफओ सुकमा अशोक पटेल की भूमिका सामने आई. प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया. इसके बाद से एसीबी और ईडब्ल्यू की संयुक्त टीम सुकमा और कोंटा क्षेत्र में तेंदूपत्ता प्रबंधकों पर निगरानी बनाए हुए है.