Special Story

ShivMar 19, 20252 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक…

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 24 मार्च को छत्तीसगढ़ दौरे पर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 24 मार्च को छत्तीसगढ़ दौरे पर

ShivMar 19, 20251 min read

रायपुर।   राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ दौरे पर आने वाली है.…

March 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों की जीत, क्रमोन्नत वेतनमान पर छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका खारिज

बिलासपुर।  क्रमोन्नत वेतनमान की लड़ाई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में जीत ली है। सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया गया। यह याचिका छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के खंडपीठ के फैसले के खिलाफ थी, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार को प्रतिवादी सोना साहू के वेतनमान में उन्नयन के कारण उत्पन्न बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था. सोना साहू ने बिना पदोन्नति के 10 वर्षों से अधिक समय तक सहायक शिक्षक के रूप में सेवा की थी.

सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ राज्य के इस तर्क पर विचार करने से इनकार कर दिया कि सोना साहू आश्वस्त वृत्ति विकास/क्रमोन्नति वेतनमान प्राप्त करने की हकदार नहीं है, क्योंकि उन्होंने 7 वर्ष पूरा करने पर समय वेतनमान प्राप्त किया था। सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादी संख्या 1 के इस तर्क को स्वीकार किया कि 2013 में वेतनमान के संशोधन के बहाने राज्य सरकार द्वारा समय वेतनमान का लाभ वापस ले लिया गया था और उन्हें 10 वर्षों तक कोई उन्नयन प्राप्त नहीं हुआ था। सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर भी विचार किया कि सामान्य प्रशासन विभाग के 2017 के आदेश के अनुसार 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले सभी शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ प्रदान करना उन शिक्षकों पर भी लागू होता है, जिन्हें पंचायत विभाग से स्कूल शिक्षा विभाग में समाहित किया गया है।

दोनों पक्षों के तर्कों पर विचार करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा। बता दें कि सोना साहू ने पंचायत विभाग से अपनी बकाया राशि प्राप्त कर ली है, परंतु स्कूल शिक्षा विभाग से उनकी बकाया राशि अभी भी लंबित है। उक्त बकाया राशि प्राप्त करने के लिए सोना साहू ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना याचिका दायर की है और न्यायालय ने स्कूल शिक्षा विभाग के संबंधित सचिव को 19.03.2025 को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।