युक्तियुक्तकरण के विरोध में शिक्षकों ने किया मंत्रालय का घेराव, शिक्षा सचिव से वार्ता विफल, दो दिन में मांग पूरी नहीं हुई तो राजधानी में संभागवार हड़ताल की चेतावनी

रायपुर। युक्तियुक्तकरण के विरोध में प्रदेश भर के हजारों शिक्षकों ने आज राजधानी रायपुर स्थित मंत्रालय का घेराव किया। सर्व शिक्षक साझा मंच के बैनर तले प्रदेश के 23 शिक्षक संगठनों ने एकजुट होकर यह प्रदर्शन किया। शिक्षक संगठनों की शिक्षा सचिव से वार्ता विफल हो रही, जिसके बाद आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया गया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिन के भीतर समाधान नहीं निकला तो 31 मई से संभागवार क्रमिक धरना शुरू होगा। सबसे पहले राजधानी रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और अंत में सरगुजा संभाग के शिक्षक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे।
शिक्षक संगठनों ने सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। शिक्षकों का कहना है कि सरकार द्वारा 10,463 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण से प्रदेश के लगभग 30,000 स्कूलों का स्वतंत्र अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और इससे करीब 40,000 शिक्षक प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे। संगठन का कहना है कि स्कूल बंद होने से जनाक्रोश बढ़ेगा और शिक्षक कम होने सरकारी स्कूलों की शिक्षा बदतर होगी।
शिक्षकों की सुझाव
- विद्यालय एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण तत्काल स्थगित किया जाए-
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एकल शिक्षक व शिक्षकविहीन विद्यालयों में शिक्षक उपलब्ध कराने युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, विसंगतिपूर्ण कार्यवाही प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा की गुणवत्ता, छात्र सुरक्षा, छात्रहित व शिक्षकहित के प्रतिकूल है। एवं व्यापक विसंगति, समस्याएं तथा शिक्षक एवं शिक्षक संगठन तथा समाज के सुझाव/मांग की अनदेखी की गई है। कार्यवाही एक तरफा, नियमों के विपरीत तथा शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009, शिक्षा विभाग सेटअप 2008 के विपरीत है ज्ञात हो वर्तमान में शिक्षा विभाग में लगातार हो रही पदोन्नति, पदस्थापना से एकल शिक्षक व शिक्षकविहीन विद्यालयों में पदस्थ कर कमियां दूर की जा सकती है।
एक जगह पदस्थापना ई एवं टी संवर्ग में भेदभाव की समाप्ति, प्रतिनियुक्ति में पारदर्शिता, प्राथमिक विद्यालयों में सेटअप अनुसार नई भर्ती (रिक्त पद / स्वीकृत पद), निलंबित शिक्षकों की समयबद्ध बहाली एवं संगठन के साथ समन्वय बनाकर नीति का क्रियान्वयन किया जाना उचित प्रतीत होता है।
महोदय शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रत्येक 1 किलोमीटर में प्राथमिक, 3 किलोमीटर में पूर्व माध्यमिक, 5 किलोमीटर में हाई स्कूल तथा 8 किलोमीटर में हायर सेकेंडरी विद्यालय की स्थापना और उस विद्यालय में सेटअप 2008 में वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत पद के अनुरूप प्राथमिक विद्यालयों में 60 विद्यार्थियों पर एक प्रधानपाठक एवं दो सहायक शिक्षक का पद अनुमोदित है। उसी तरह वाणिज्य संकाय में सेटअप 2008 के अनुसार तीन विषय के लिए दो पद यथावत रखी जाए। भेदभाव एवं विसंगति पूर्ण युक्तियुक्तकरण में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित 100% अनुदान प्राप्त स्वामी आत्मानंद विद्यालय में पदस्थ शिक्षक तथा अतिथि शिक्षकों को अतिशेष के दायरे से बाहर रखा जाना न्याय के सिद्धांत के विपरीत है।
विसंगतिपूर्ण, भेदभावपूर्ण, सेटअप 2008 व शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के विपरीत युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही को तत्काल स्थगित किया जाए। भविष्य में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के लिए दिशा निर्देश जारी करने के पूर्व समस्त शैक्षिक संगठनों से चर्चा कर सुझाव लिया जाय जिससे शिक्षक व विद्यार्थी हित प्रभावित न हो।
- क्रमोन्नत वेतनमान –
सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सोना साहू शिक्षक पंचायत/शिक्षक एल बी को पंचायत व शिक्षा विभाग का पूर्व सेवा अवधि की गणना कर एरियर्स सहित क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान किया गया है। सोना साहू की तरह प्रदेश के सभी पात्र शिक्षक एल.बी. संवर्ग के लिए एरियर्स सहित क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान के लिए जनरल आदेश जारी किया जाए।
- बीएड प्रशिक्षण अनिवार्यता शिथिल किया जाय –
पूर्व की भांति शिक्षक से व्याख्याता एवं व्याख्याता से प्राचार्य पदोन्नति के लिए बी.एड. प्रशिक्षण अनिवार्यता शिथिल कर डी.एड. प्रशक्षित शिक्षक संवर्ग को पदोन्नति हेतु अवसर प्रदान किया जाए। प्राचार्य के 10% पदों पर विभागीय परीक्षा के माध्यम से तत्काल किया जाए।
राज्य में शिक्षक एल.बी. संवर्ग प्रशिक्षित एवं डी. एड. योग्यताधारी हैं शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य सरकार सभी को प्रशिक्षित किया था।
शिक्षक एल.बी. संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पेंशन सहित समस्त लाभ दिया जाए।