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ShivMay 14, 20252 min read

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ShivMay 14, 20252 min read

बीजापुर।  कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर सुरक्षा बलों का सबसे बड़ा…

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ShivMay 14, 20251 min read

सुकमा। सुकमा जिले में गोपनीय सैनिक के तौर पर पदस्थ जवान…

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ShivMay 14, 202531 min read

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May 14, 2025

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नारी सशक्तिकरण में टसर धागाकरण निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका, प्रीति अतिरिक्त आय अर्जित कर अपने सपने को कर रही है साकार

रायपुर।    नारी सशक्तिकरण के माध्यम से एक सशक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने में ग्रामोद्योग संचालनालय की टसर धागाकरण योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जशपुर जिले में इस योजना के अंतर्गत कुमारी प्रीति चौहान जैसी महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। कलेक्टर के मार्गदर्शन में प्रीति ने टसर धागाकरण का प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब वह इस कार्य में अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। गरीब परिवार से आने वाली प्रीति आज अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं और अपनी बचत से खेती में भी योगदान दे रही हैं। उनके खाते में अब तक 1 लाख 2 हजार रुपये से अधिक की राशि जमा हो चुकी है, जिससे उनका जीवनस्तर बेहतर हुआ है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार जशपुर जिले में धागाकरण प्रशिक्षण देकर समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करना है, जिससे उन्हें अपने गाँव में ही रोजगार मिल सके और उन्हें अन्य राज्यों की ओर रोजगार के लिए देखना न पड़े। टसर धागाकरण से जुड़ी अन्य महिलाएं भी अब गरीबी से उबरकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। इस योजना से उन्हें न केवल धागाकरण का कार्य मिला है, बल्कि वे अपनी कृषि भूमि पर खेती कर उन्नत किस्म का धान और अन्य फसलें भी उगा रही हैं। कई महिलाएं जो कभी साइकिल खरीदने का सपना देखती थीं, अब इस योजना से मिली आय से दोपहिया वाहन भी खरीद रही हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही हैं।

रेशम विभाग द्वारा महिलाओं को कोकून बैंक के माध्यम से कोसा उपलब्ध कराया जाता है और उनके द्वारा उत्पादित धागे को विपणन कर उनकी आय को सीधे उनके खाते में जमा किया जाता है। इस प्रकार टसर धागाकरण योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है, जिससे न केवल उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रही हैं, बल्कि उनका समाज में एक अलग पहचान भी बन रही है। नारी सशक्तिकरण के इस प्रयास से महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो रही हैं और अपने परिवार और समाज को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।