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मुख्यमंत्री को माँ ने दिया अपना आशीर्वाद—स्नेह से छुआ गाल, हृदय से कहा धन्यवाद

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ShivMay 16, 20252 min read

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मुख्यमंत्री ने 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रही सिद्धबाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का किया निरीक्षण

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का किया लोकार्पण

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ShivMay 16, 20251 min read

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सुशासन तिहार : मुख्यमंत्री ने बरगद पेड़ के नीचे लगाई जनचौपाल, ग्रामीणों को दी ये सौगातें…

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ShivMay 16, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहजता और सरलता से…

May 17, 2025

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निलंबित IAS रानू साहू और माया वारियर को कोर्ट से नहीं मिली राहत, 17 दिसंबर तक बढ़ी न्यायिक रिमांड, मनोज द्विवेदी भी कोर्ट में पेश

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के चर्चित DMF घोटाला मामले में आज निलंबित IAS रानू साहू और माया वारियर को कोर्ट में पेश किया गया. दोनों आरोपियों को ईडी की विशेष कोर्ट में पेश किया गया. एक बार फिर रानू साहू और माया वारियर की मुश्किलें बढ़ गई है. कोर्ट ने दोनों की न्ययिक रिमांड बढ़ा दी है. 17 दिसंबर तक दोनों की न्यायिक रिमांड बढ़ गई है.

वहीं निलंबित IAS रानू साहू के कथित सहयोगी मनोज द्विवेदी को भी आज कोर्ट में पेश किया गया. मनोज द्विवेदी पर रानू साहू के साथ मिलकर NGO के माध्यम से DMF के करोड़ों रुपए गबन का आरोप है.

बता दें कि रानू साहू जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर थीं. इसके बाद फरवरी 2023 तक वह रायगढ़ की भी कलेक्टर रहीं. इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ थीं. कलेक्टर रानू साहू से करीबी संबंध होने के कारण कोयला घोटाले को लेकर माया वारियर के दफ्तर और घर में ED ने छापा मारा था. DMF की बड़ी राशि आदिवासी विकास विभाग को प्रदान की गई थी, जिसमें घोटाले का आरोप है. इसका प्रमाण मिलने के बाद ED ने माया वारियर को भी गिरफ्तार किया गया है.

जानिए क्या है DMF घोटाला

जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है. इस केस में यह तथ्य निकाल कर सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमित की गई है. टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया है.

पद का गलत इस्तेमाल

जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में इसके लिए दिया गया है. प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है. ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया था.