Special Story

सिवनी मालवा में भारत के वीर सैनिकों के सम्मान में निकली “तिरंगा यात्रा”

सिवनी मालवा में भारत के वीर सैनिकों के सम्मान में निकली “तिरंगा यात्रा”

ShivMay 22, 20251 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को नर्मदापुरम जिले के…

चित्रकोट पर्यटन केंद्र का नाका सील: शराब, बकरा और मुर्गा लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, एसडीएम कार्यालय का किया घेराव

चित्रकोट पर्यटन केंद्र का नाका सील: शराब, बकरा और मुर्गा लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, एसडीएम कार्यालय का किया घेराव

ShivMay 22, 20252 min read

जगदलपुर। चित्रकोट पर्यटन स्थल के पार्किंग नाका को लोहंडीगुड़ा एसडीएम द्वारा…

May 22, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सफलता की कहानी- मछली पालन से श्री गणेश महिला स्व सहायता समूह की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति हुई मजबूत

रायपुर।       मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा मछली पालन अर्थात जलीय कृषि करने वाले किसानों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा दे रहे हैं। साथ ही महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने हेतु खेती किसानी के साथ-साथ अन्य रोजगार से जोड़ा जा रहा है।

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन भी किया जा रहा है। मत्स्य पालन विभाग द्वारा शासकीय तालाब को पट्टे पर देकर मछली पालन कार्य हेतु महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। विभाग द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर मत्स्य बीज के साथ ही विभागीय योजना अंतर्गत निःशुल्क जाल और आईस बॉक्स भी दिया जा रहा है।

इसी कड़ी में जशपुर जिले के मनोरा विकासखण्ड में श्री गणेश महिला स्व सहायता समूह के द्वारा मनोरा के बथानडीपा शासकीय तालाब को पट्टे पर लेकर मछली पालन का कार्य किया जा रहा है।समूह की अध्यक्ष गुड़िया साहू ने बताया कि गणेश महिला स्व सहायता समूह की 11 महिलाओं द्वारा मनोरा में शासकीय तालाब को पट्टे पर लेकर मछली पान का कार्य किया जा रहा है। तालाब 0.801 हेक्टर में निर्माण किया गया है। उक्त तालाब में मच्छली पालन के लिए विभागीय योजना के तहत् 50 प्रतिशत अनुदान पर मत्स्य बीज उपलब्ध कराया गया है। साथ ही योजना अंतर्गत निःशुल्क जाल एवं आईस बॉक्स भी दिया गया है। मछली पालन से समूह की महिलाओं ने 2 लाख 50 हजार रूपए की आय अर्जित किया है।

समूह की सदस्यों ने बताया कि पहले से ही मछली पालन विभाग द्वारा वे लाभान्वित हो चुके हैं। मछली पालन के व्यवसाय से जुड़ने के बाद उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति मजबूत हुई है।