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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बगिया में पर्यावरण वाटिका का किया लोकार्पण

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ShivApr 6, 20253 min read

रायपुर।  अगर आप प्रकृति के बीच स्वच्छ वातावरण में अपने…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की मां दुर्गा की पूजा अर्चना

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ShivApr 6, 20251 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर जिले के…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बगिया में 72 लाख की लागत से निर्मित हेलीपैड लाउन्ज का किया शुभारंभ

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ShivApr 6, 20251 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांसाबेल विकास खंड के…

मध्यप्रदेश की शराब पर छत्तीसगढ़ का ठप्पा लगाने वाले गिरोह के तीन और सदस्य गिरफ्तार…

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ShivApr 6, 20252 min read

डोंगरगढ़। डोंगरगढ़ के ग्राम करवारी स्थित फार्म हाउस में नकली…

बिलासपुर में नहीं थम रहा धर्मांतरण का खेल, सरकंडा में हिंदू संगठन… दो पादरी समेत 6 पुलिस हिरासत में

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ShivApr 6, 20252 min read

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में धर्मांतरण का मुद्दा थमने का…

April 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

केआर टेक्निकल कॉलेज के छात्रों ने देखा 5 सितारा प्रमाणित पीईकेबी खदान, वनीकरण के तहत लगाए गए 12.76 लाख पेड़ों की ली जानकारी और पौधारोपण भी किया

उदयपुर।    अम्बिकापुर स्थित केआर टेक्निकल कॉलेज से करीब 50 विद्यार्थियों और शिक्षकों का समूह सोमवार को अपने शैक्षणिक भ्रमण में प्रदेश की एक मात्र निजी 5 सितारा प्रमाणित परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी ) खदान पहुंचा। यहां उन्होंने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) की पीईकेबी खदान के हरित खनन के लिए आधुनिक तकनीक से की जा रही खनन को व्यू पॉइंट से देखा और अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। छात्रों के समूह ने पीईकेबी खदान में पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए खनन उपरांत 450 हेक्टेयर भूमि में चल रहे वनीकरण क्षेत्र का भी दौरा किया, जहां वे सभी वनीकरण अभियान के तहत लगाए गए 12.76 लाख से ज्यादा पेड़ों से तैयार किए गए घने जंगल और नर्सरी को करीब से देखा। इस दौरान सभी छात्रों ने खनन के बाद पुनः प्राप्त नए भूमि पर साल, हर्रा, बीजा, खम्हार इत्यादि प्रजाति के पौधों को भी लगाया।

सभी विद्यार्थियों ने खदान में चलाए जा रहे वृहद वनीकरण को देखने के पश्चात अचंभित महसूस किया। इस दौरान छात्रा सुधा यादव ने कहा, “यहां आने से पहले हमें यह लगता था कि खदान में सिर्फ पेड़ों को काटा ही जाता है लेकिन आज हमें पता लगा कि यहां काटने से कई गुना ज्यादा पौधों को रोपित किया गया है, जो कि अब पेड़ों की शक्ल ले चुके हैं। साथ ही इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण का एहसास भी बेहद कम हुआ।“ खदान भ्रमण के पश्चात सभी ग्राम साल्ही में अदाणी विद्या मंदिर भी गए और वहां पढ़ रहे आदिवासी बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं तथा आधुनिक पद्धति की लैब, स्मार्ट क्लासेस इत्यादि के बारे में जाना।

आरआरवीयूएनएल ने ढांचागत विकास की इसी श्रंखला में खदान के पास के 14 गावों की बड़ी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में मरम्मत तथा बाला पेंटिंग, अतिरिक्त कक्षाओं और पक्के शौचालयों का निर्माण, गांव में सड़क निर्माण एवं यात्री प्रतीक्षालयों के मरम्मत तथा सौंदरीकरण इत्यादि के कार्य शामिल हैं। खदान विकास और संचालक अदाणी नेचुरल रिसोर्सेज द्वारा राजस्थान के आठ करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के लिए खनन के अलावा अदाणी फाउंडेशन द्वारा सामाजिक सरोकारों के अनेक कार्यक्रम चलाए जाते हैं।