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ShivFeb 24, 20253 min read

जशपुर।  छत्तीसगढ़ में टमाटर की खेती करने वाले किसान खून…

पूर्व आईएएस डॉ. संजय अलंग का JNU में व्याख्यान, छत्तीसगढ़ के इतिहास और संस्कृति पर है विशेषज्ञता

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सड़क दुर्घटना में तीन युवकों में से एक की मौत, तो इधर धान से भरे ट्रक में लगी आग

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सक्ती/दुर्ग। छत्तीसगढ़ के सक्ति और दुर्ग जिले में रविवार को…

हार्डवेयर दुकान में लगी भीषण आग, 50 से 60 लाख रुपये का सामान जलकर खाक

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February 24, 2025

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पथ विक्रेता संघों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा, पथ विक्रेता कानून 2014 लागू करने निकाली पदयात्रा

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में पथ विक्रेता कानून 2014 लागू नहीं करने पर अब पथ विक्रेता संघों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शहर में ठेले और गुमटियों पर व्यवस्थापन की उचित व्यवस्था किए बिना गैरकानूनी कार्रवाई करने के खिलाफ आज फुटकर कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन और पथ विक्रेता कल्याण संघ के पदाधिकारियों सहित NIT, आयुर्वेद कॉलेज, साइंस कॉलेज और GE रोड के स्ट्रीट वेंडर्स ने GE रोड के अनुपम गार्डन से रायपुर नगर निगम मुख्यालय तक लगभग 3 किमी लंबी पदयात्रा निकाली. इस दौरान नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

दरअसल शहर में बढ़ती आबादी के साथ-साथ पथ विक्रेताओं की संख्या भी बढ़ती चली जा रही है. इन ठेलों और गुमटियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं होने के चलते ये सड़कों के किनारे ठेले लगाते है, जिससे यातयात प्रभावित होता है और आने जाने वाले लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. अवैध अतिक्रमण के लिए निगम समय-समय पर ठेलों-गुमटियों पर चलानी कार्रवाई भी करती है, लेकिन अब तक कोई ठोस व्यवस्था लाने में असफल रही है. इसी के विरोध में आज सभी ने निगम के खिलाफ मोर्चा खोला.

पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता एवं हॉकर्स फेडरेशन के अध्यक्ष गौतम गंगोपाध्याय ने कहा कि स्मार्ट सिटी बनाने का मास्टर प्लान सिर्फ कमीशन का खेल है, जिससे पूरा शहर बर्बाद किया जा रहा है. जो मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, वहां कही पर भी पथ विक्रेता के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. 2014 के बाद से दो सरकारें बन गई, लेकिन किसी ने भी पथ विक्रेताओं का साथ नहीं दिया. वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं सामाजिक चिंतक वीरेंद्र पांडेय ने बताया, पथ विक्रेताओं के लिए कानून होने के बाद भी इसे लागू नहीं किया जा रहा. नियम यह है कि जब तक व्यवस्थापन का इंतजाम नहीं होता तब तक किसी को हटाया नहीं जा सकता, लेकिन अवैध अतिक्रमण के नाम पर पुलिस प्रशासन ठेला उठा ले जाते हैं. पूरा सामान भी वापस नहीं करते. इससे रोज कमाने खाने वाले लोगों को काफी नुक़सान होता है.

जानिए क्या है मांगें

पथ विक्रेता कानून 2014 लागू किया जाए. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के तहत कानून बना हुआ है. इसके मुताबिक पथ विक्रेताओं के लिए प्लान किया जाना चाहिए. बढ़ती आबादी के साथ ऐसा शहर बनाना बेहद जरूरी है, जहां व्यापारी, ठेले सब व्यवस्थित रहे. शहर का सौंदर्य बना रहे. यातायात सुगम रहे और बाकियों का जीवन भी चलता रहे. ऐसे शहर नियोजन की आवश्यकता है.

जिम्मेदारों से हुई मुलाकात, जल्द होगी बैठक

मांगों को लेकर पथ कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने निगम उपायुक्त विनोद पांडेय और राजेंद्र गुप्ता से मुलाकात की, जहां पथ विक्रेताओं के व्यवस्थापन की सही व्यवस्था पर विचार करने जल्द बैठक कर ठोस फैसला लेने का आश्वासन दिया गया.