Special Story

मुख्यमंत्री ने परिवहन सुरक्षा बेड़े में शामिल 48 वाहनों को झंडी दिखाकर किया रवाना

मुख्यमंत्री ने परिवहन सुरक्षा बेड़े में शामिल 48 वाहनों को झंडी दिखाकर किया रवाना

ShivJun 17, 20252 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि हमारी…

लूटपाट और उगाही का मामला : छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के 6 पदाधिकारियों को 7-7 साल की सजा

लूटपाट और उगाही का मामला : छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के 6 पदाधिकारियों को 7-7 साल की सजा

ShivJun 17, 20252 min read

जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में वर्ष 2021 में हुई…

चलती बस में ड्राइवर को आया हार्ट अटैक, दर्जनों यात्रियों की बाल-बाल बची जान, ड्राइवर ने तोड़ा दम

चलती बस में ड्राइवर को आया हार्ट अटैक, दर्जनों यात्रियों की बाल-बाल बची जान, ड्राइवर ने तोड़ा दम

ShivJun 17, 20251 min read

चिरमिरी।   बस चलाते समय ड्राइवर को अचानक हार्ट अटैक आ गया। हादसे…

June 17, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

राज्य महिला आयोग ने कहा- ‘शादीशुदा व्यक्ति के साथ रहने से पहले हजार बार सोचें महिलाएं’, पहली पत्नी को घर से निकालकर पत्नी बनने का प्रयास ना करें …

रायपुर-    छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में 253वीं सुनवाई हुई. इस दौरान एक मामले में सुनवाई करते हुए डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाएं शादीशुदा पुरूष के साथ रहने से पहले हजार बार सोचे और उसकी पहली पत्नि को घर से निकलवाकर दूसरी पत्नी बनने का प्रयास ना करें और बसा-बसाया घर उजाड़ने का प्रयास ना करें. ऐसी महिलाओं को महिला आयोग सुधारने की दिशा में सक्त प्रयास करती है. यह कहते हुए उन्होंने दो महिलाओं को नारी निकेतन भेज दिया है.

दरअसल, मंगलवार को राज्य महिला आयोग में सुनवाई में आवेदिका ने बताया कि उसके पति ने आवेदिका से बिना तलाक लिये दूसरी महिला को अपनी पत्नी बनाकर रखा है, जबकि दूसरी महिला ने भी अपने पति से तलाक नहीं लिया है. वर्तमान में दूसरी महिला के पास अपने रहने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं था, इसलिए उसे नारी निकेतन सुरक्षा की दृष्टि से भेजा गया. दूसरी महिला के पति या उसके परिवार वालों के द्वारा आवेदन या शपथ पत्र दिये जाने पर ही उसे नारी निकेतन से वापस भेजा जा सकेगा. अनावेदक को समझाइश दिया गया कि वह आवेदिका से अपना व्यवहार सही रखे, अगर आवेदिका को कोई परेशानी हो तो वह पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज करा सकेगी.

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में भी दूसरी महिला आवेदिका के बसे- बसाये घर को उजाड़ने के लिए अवैध रूप से आवेदिका के पति के साथ रह रही थी और आवेदिका को घर से निकाल दिया है. दूसरी महिला ने भी यह स्वीकार किया है कि वह आवेदिका के पति के साथ अवैध रूप से रह रही है और विवाह नहीं किया है. अनावेदिका (दूसरी महिला) के पूर्व पति की मृत्यु हो चुकी है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसे सुधरने का मौका देकर 2 माह के लिए नारी निकेतन रायपुर भेजे जाने का आदेश आयोग द्वारा दिया गया.

एक प्रकरण में सुनवाई के दौरान अनावेदक ने बताया कि आवेदिका पक्ष की शिकायत पर उसके विशब्द धारा 306 आईपीसी का अपराध थाना तेलीबांधा में लगा है जिसमें अनावेदक 36 दिन जेल में रहा है और रायपुर जिला सत्र न्यायालय में अगली सुनवाई है. अनावेदक के अधिवक्ता ने पुष्टि की कि अनावेदक के विरुसब्द कोर्ट में पेशी चल रही है. इस स्तर पर आवेदिका पक्ष को समझाइश दिया गया कि यह अधिवक्ता की मदद लेकर अनावेदक के खिलाफ न्यायालय में चल रहे प्रकरण की पैरवी उचित तरह से कराये. इस सलाह के बाद प्रकरण नस्तीबंद किया गया.