Special Story

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

ShivApr 19, 20251 min read

दुर्ग।   छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस को नशे के…

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

रायपुर।    राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरों…

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

बलौदाबाजार। बलौदाबाजार पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसमें…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

वन्य जीवों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार संकल्पित – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं और सरकार दृढ़ संकल्प के साथ वन, पर्यावरण एवं वन्य जीव सहित जलीय जंतुओं के संरक्षण के लिए भी काम कर रही है। वन्य जीव संरक्षण की दिशा में एक कदम ओर बढ़ाते हुए अब प्रदेश में दो नए वन्य जीव अभयारण्य स्थापित किए जाएंगे। यह नए वन्य जीव अभयारण्य ओंकारेश्वर एवं जहानगढ़ में स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में मध्यप्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की 28वीं बैठक में 2 वन्य जीव अभयारण्य की स्थापना को मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के प्रभावी प्रयासों का ही सुखद परिणाम है कि प्रदेश में बाघ, तेंदुआ, चीता, हाथी, घड़ियाल के साथ-साथ विलुप्त होती प्रजाति के गिद्धों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। गत माह 17 से 19 फरवरी 2025 को हुई ताजा गिद्ध जनगणना के अनुसार प्रदेश में 12 हजार 981 गिद्ध पाए गए हैं। गिद्धों की संख्या बीते वर्ष में ही 19 प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने बताया कि ओंकारेश्वर वन्य जीव अभयारण्य देवास-खंडवा जिले के करीब 614.0709 वर्ग कि.मी. वन रकबे में तथा जहानगढ़ वन्य जीव अभयारण्य श्योपुर जिले के 6.328 वर्ग कि.मी. वन रकबे पर विकसित किया जाएगा।

बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, वन्य प्राणी बोर्ड के सदस्य विधायक हेमंत खंडेलवाल, मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, चीफ वाईल्ड लाईफ वार्डन, सदस्य मोहन नागर, डॉ. नारायण व्यास, डॉ. सुदेश बाघमारे, डॉ. भटनागर, डॉ. रविचंद्रन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

रेस्क्यू सेंटर कम जू की स्थापना में लाएं तेजी

बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अवगत कराया गया कि उज्जैन जिले के नौलखी में वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर कम जू प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने इस सेंटर की स्थापना की प्रगति की जानकारी ली और इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू सेंटर कम जू को वन्य जीव पर्यटन के लिहाज से तैयार किया जाए। बैठक में बताया गया कि उज्जैन की तरह एक वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर कम जू का निर्माण जबलपुर जिले में भी प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश वन्य जीवों की विविधता से भरा राज्य है। यहां के मंदसौर, नीमच, शिवपुरी समेत चंबल के जिलों में बड़ी संख्या में मगरमच्छ पाए जाते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन विभाग के अधिकारियों को वन्य जीवों के संरक्षण के निर्देशित करते हुए कहा कि मगरमच्छ सड़कों एवं आबादी क्षेत्र में न पहुंचे, इसके लिए उन्हें खाली पड़ी नदियों में पुनर्स्थापित किया जाए। मु्ख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन्य जीवों के संरक्षण एवं पुनर्वास के लिए विशेषज्ञों को आमंत्रित कर कार्यशालाएं एवं संयुक्त बैठक आयोजित की जाएं। देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वन्य जीवों के संरक्षण को पर्यटन से जोड़ते हुए परियोजना तैयार करने की आवश्यकता है।

थलचर, जलचर और नभचर तीनों श्रेणियों के जीव-जंतुओं एवं पशु-पक्षियों के कल्याण की करें चिंता

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीव पर्यटन बोर्ड थलचर (वनचर), जलचर और नभचर तीनों श्रेणियों के जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों एवं वन्य प्राणियों के कल्याण की चिंता करे। यह सभी प्राणी हमारी वृहद जैव विविधता की धरोहर है। हमें इन्हें बचाना है, इनके विकास के लिए अनुकूलित वातावरण उपलब्ध कराना है।

असम से गैंडें और अफ्रीका से जिराफ को लाकर मध्यप्रदेश में बसाने की तलाशें संभावनाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टाइगर, चीतों एवं घड़ियालों का घर बन चुके मध्यप्रदेश में असम के काजीरंगा नेशनल पार्क से गैंडों को लाने और साऊथ अफ्रीका से जिराफ को लाकर यहां बसाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में मौजूद पर्यटन स्थलों एवं वन्य जीव अभयारण्यों के आकर्षक वीडियो तैयार कर प्रसारित करने के निर्देश दिये।

बैठक में सदस्य मौजूद माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने म.प्र. के जंगलों में स्थित सांस्कृतिक महत्व के जनजातीय व अन्य देव स्थलों तथा पुरातन मंदिरों का सर्वेक्षण कर इनका अभिलेखीकरण करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय बंधु वनों के प्राकृतिक संरक्षक है। इसीलिए वन विभाग यह सुनिश्चित करे कि प्रदेश के किसी भी जनजातीय क्षेत्र में जनजातीय वर्ग के श्रद्धालुओं को उनके प्राकृतिक देव स्थानों तक पहुंचने और देव आराधना/अनुष्ठान करने में किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई न आने पाए।

बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन्य प्राणी बोर्ड द्वारा प्रस्तावित किए गए 33 विकास प्रस्तावों में से 30 विकास प्रस्तावों का अनुमोदन किया। उल्लेखनीय है कि वन्य जीव पर्यटन को नई ऊंचाई देने के लिए संकल्पित मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसी वर्ष 17 फरवरी को राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में 10 घड़ियाल को चंबल नदी में छोड़ा था। इससे पहले 5 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 5 वयस्क चीते कूनो नेशनल पार्क में छोड़े। हाल ही में मुख्यमंत्री ने शिवपुरी जिले में प्रदेश के 9वें माधव नेशनल टाइगर रिजर्व का लोकार्पण कर एक बाघिन को उसके प्राकृतिक आवास में मुक्त किया था।