युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने में स्टार्टअप्स महत्वपूर्ण : बृजमोहन अग्रवाल
नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और उन्हें आवश्यक वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए। उन्होंने क्रेडिट गारंटी योजना (CGSS) और स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना (SISFS) के कार्यान्वयन पर विशेष ध्यान देते हुए सरकार से आग्रह किया कि इन योजनाओं की पहुंच को राज्य के उद्यमियों तक प्रभावी ढंग से बढ़ाया जाए।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने जानकारी दी कि 31 दिसंबर 2024 तक SISFS के तहत छत्तीसगढ़ में 2.03 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि के साथ 18 स्टार्टअप्स का चयन किया गया है। इसके अलावा, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा छत्तीसगढ़ में 1,736 स्टार्टअप्स को मान्यता प्रदान की गई है, जिनके माध्यम से 16,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए गए हैं।
सांसद श्री अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में इन योजनाओं की जागरूकता बढ़ाने और उद्यमियों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट उपायों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा,
“हमारे राज्य के नवोद्यमियों को इन योजनाओं का पूर्ण लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए व्यापक जागरूकता कार्यक्रमों और क्षमता निर्माण कार्यशालाओं का आयोजन आवश्यक है। साथ ही, स्टार्टअप्स को सतत सहयोग देने के लिए एक प्रभावी निगरानी तंत्र भी विकसित किया जाना चाहिए, ताकि उनकी प्रगति का मूल्यांकन किया जा सके और आवश्यक सुधार किए जा सकें।”
जितिन प्रसाद ने आश्वासन दिया कि सरकार स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत विभिन्न आउटरीच और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है, जिनमें क्षमता निर्माण, इकोसिस्टम का विकास और अंतर्राष्ट्रीय संपर्क जैसी पहल शामिल हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य देशभर में स्टार्टअप्स को समर्थन देना है, जिसमें छत्तीसगढ़ भी एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, स्टार्टअप्स युवाओं के लिए न केवल रोजगार के नए अवसर खोल रहे हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने और नवाचार को बढ़ावा देने का भी मौका दे रहे हैं। सरकार द्वारा कई योजनाएं और नीतियां चलाई जा रही हैं। उन्होंने
सरकार से आग्रह किया कि वह छत्तीसगढ़ के स्टार्टअप्स के समक्ष आने वाली चुनौतियों का मूल्यांकन करे और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक रोजगार सृजन के लिए नीति-निर्माण में स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखना आवश्यक है।