शहीद पुलिस आरक्षक के पुत्र ने मांगी ASI (M) के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति, हाई कोर्ट ने सचिव-डीजीपी को दिए यह निर्देश…
बिलासपुर। नक्सलाइट ऑपरेशन में शहीद पुलिस कर्मी के पुत्र की याचिका पर हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. इसमें गृह विभाग के सचिव और पुलिस महानिदेशक को पूर्व में जारी सर्कुलर के तहत् याचिकाकर्ता पंकज सिन्हा द्वारा ASI (M) के पद पर नियुक्ति के लिए दिए आवेदन का चार सप्ताह के भीतर निराकरण करें.
याचिकाकर्ता पंकज सिन्हा के अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के द्वारा बताए अनुसार, नारायणपुर जिला में पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक मुरलीधर सिन्हा की वर्ष 2007 में हुए एक नक्सलाइड ऑपरेशन के दौरान मृत्यु हो गई थी, जिस पर पुलिस विभाग ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया था. इसके साथ आरक्षक के पुत्र पंकज सिन्हा के नाबालिग होने के कारण उन्हें बाल आरक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई थी.
18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर पंकज सिन्हा ने गृह विभाग सचिव एवं डीजीपी के आवेदन देकर ASI (M) के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने की मांग की गई. लेकिन उक्त पद पर नियुक्ति नहीं दिए जाने पर पंकज सिन्हा ने हाई कोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय व पीएस निकिता ने हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क दिया कि पुलिस महानिदेशक द्वारा 13 नवंबर 2020 को जारी सर्कुलर के अनुसार, पुलिस विभाग में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों की अनुसूचित-नक्सली जिलों में मुठभेड़ के दौरान मृत्यु होने पर उन्हें शहीद का दर्जा प्रदान करने के साथ उनके विधिक वारिसों को इच्छानुसार ASI (M)/ आरक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाएगी.
लेकिन आवेदक के आवेदन देने के बाद भी सर्कुलर का उल्लंघन करते हुए उसे ASI (M) के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं की जा रही है. हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के पश्चात् रिट याचिका को स्वीकार कर गृह विभाग सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को याचिकाकर्ता पंकज सिन्हा को ASI (M) के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने के संबंध में प्रस्तुत अभ्यावेदन का 4 सप्ताह के भीतर निराकरण करें.