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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर छत्तीसगढ़ में राजकीय शोक

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ShivDec 27, 20241 min read

रायपुर। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर छत्तीसगढ़…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर किया दुःख व्यक्त

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ShivDec 26, 20241 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन…

वीर बाल दिवस : पत्रकारिता विश्वविद्यालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, लड़कियों ने मारी बाजी

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ShivDec 26, 20242 min read

रायपुर।    कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में वीर…

अटल जन्म शताब्दी पर राजभवन में काव्यपाठ, राज्यपाल से सम्मानित हुए ‘लघु अटल’ विकास शर्मा

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ShivDec 26, 20241 min read

रायपुर।    पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती के…

December 27, 2024

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प्रदेश में समर्थन मूल्य पर अब तक हो चुकी 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर अब तक कुल 50 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन कियाजा चुका है। रायपुर संभाग में 14.52 लाख मीट्रिक टन, बिलासपुर संभाग में 9.76 लाख मीट्रिक टन, दुर्ग संभाग में 17.79 लाख मीट्रिक टन, बस्तर संभाग में 4.13 लाख मीट्रिक टन और सरगुजा संभाग में 3.80 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है।

प्रदेश में कुल 27.78 लाख पंजीकृत किसानों में से अब तक 10.66 लाख किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है। इनमें 2.92 लाख लघु एवं सीमांत कृषक और 6.26 लाख दीर्घ कृषक शामिल हैं। किसानों को उनकी फसल का भुगतान तेजी से किया जा रहा है। अब तक विपणन संघ द्वारा 10,770 करोड़ रुपये की राशि अपेक्स बैंक को अंतरित की जा चुकी है। इसके तहत, संबंधित किसानों के बैंक खातों में नियमित रूप से राशि स्थानांतरित की जा रही है।किसानों की सुविधा हेतु उपार्जन केंद्रों पर माइक्रो एटीएम की व्यवस्था की गई है। साथ ही, जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

धान उपार्जन के लिए बारदानों की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। भारत सरकार की नीति के अनुसार, पुराने और नए बारदानों का उपयोग 50ः50 अनुपात में किया जा रहा है। प्रदेश में अनुमानित 160 लाख मीट्रिक टन धान के उपार्जन के लिए 4 लाख गठान नए बारदानों की आवश्यकता है, जिसमें से अब तक 3.65 लाख गठान उपलब्ध कराए जा चुके हैं। शेष बारदान अगले 15-20 दिनों में प्राप्त हो जाएंगे।

अब तक पीडीएस बारदानों के रूप में 54,153 गठान, मिलर बारदानों के रूप में 1,40,924 गठान और किसान बारदानों के रूप में 12,747 गठान उपयोग किए जा चुके हैं। सभी उपार्जन केंद्रों में बारदानों की कोई कमी नहीं है।

उपार्जित धान के संग्रहण और भंडारण का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। इस वर्ष भंडारण क्षमता को बढ़ाकर 37.25 लाख मी.टन कर दिया गया है। जिन केंद्रों में भंडारण क्षमता से अधिक धान जमा हो रहा है, वहां परिवहन आदेश जारी कर निकटतम संग्रहण केंद्रों में धान का परिवहन किया जा रहा है। अब तक 9.09 लाख मीट्रिक टन धान के परिवहन आदेश जारी किए जा चुके हैं।

कस्टम मिलिंग के लिए 2133 मिलरों के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1672 राइस मिलरों का पंजीकरण हो चुका है। इन मिलरों को 3.37 लाख मीट्रिक टन धान के वितरण आदेश जारी किए गए हैं।

धान उपार्जन में रिसाइक्लिंग रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है । अब तक 733 प्रकरण दर्ज कर 41,303 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है। सीमावर्ती जिलों में 273 चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं, जहां नियमित निगरानी की जा रही है। नोडल अधिकारियों द्वारा उपार्जन केंद्रों पर भौतिक सत्यापन और पोर्टल पर डेटा अपलोड करने का कार्य भी जारी है।

खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राइस मिलर और घोषित हड़ताल से वापस आ रहे हैं। राइस मिलों के पंजीयन, अनुमति अनुबंध एवं मिलिंग अनुबंध में लगातार वृद्धि हो रही है।