Special Story

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

ShivApr 19, 20251 min read

दुर्ग।   छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस को नशे के…

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

रायपुर।    राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरों…

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

बलौदाबाजार। बलौदाबाजार पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसमें…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

बलौदाबाजार जिला अस्पताल का एसएनसीयू दे रहा गुणवत्तापूर्ण सेवा, अब तक 12 सौ नवजात शिशुओं का किया जा चुका है उपचार

रायपुर-      बलौदाबाजार जिला अस्पताल परिसर में स्थित नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए बना एस एन सी यू (स्पेशल न्यू बोर्न केअर यूनिट) अर्थात विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई निरंतर गुणवत्ता पूर्ण सेवा प्रदान करता आ रहा है। यूनिट के कारण नवजात शिशुओं को जिले के भीतर ही देखभाल प्रदान की जाती है जिससे बाहर रेफरल कम हुआ तथा शिशु मृत्यु में भी कमी दर्ज की गई है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बलौदाबाजार ने बताया की नवजात शिशुओं की मृत्यु के प्रमुख कारणों में समय पूर्व प्रसव,प्रसव के दौरान दम घुटना,नवजात का संक्रमित होना जन्मजात विकृतियां है तथा इसके अलावा,कम उम्र में शादी, एएनसी जांच में अनदेखी,सही पोषण का अभाव,या अन्य कारणों से भी शिशु की जान को खतरा हो सकता है। एसएनसीयू इन्हीं स्थितियों में शिशु की देखभाल हेतु कार्य करता है।

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने एसएनसीयू के संबंध में बताया कि यहां नवजात शिशु से लेकर 28 दिन तक के बच्चों को भर्ती किया जाता है। 6 वेंटिलेटर,12 वार्मर,27 मल्टी पैरा मॉनिटर ,02 सी पैप और 06 फोटोथेरेपी (पीलिया से सम्बंधित)मशीनों से एस एन सी यू सुसज्जित है। बच्चे की देखभाल हेतु 24 घण्टे शिशु रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग स्टाफ उपस्थित रहते हैं। दवाई उपचार निःशुल्क है। साथ ही माता के अलग से रहने की व्यवस्था की जाती है और उनके लिए नाश्ते और भोजन की भी व्यवस्था रहती है। एसएनसीयू की स्थापना के बाद जिले से शिशुओं के ऐसे प्रकरणों में रेफेरल में काफी कमी आई है तथा उपचार यही हो जाता है। जैसे मई में कुल 53 भर्ती बच्चों में से केवल 3 को ही रेफर करना पड़ा। जिला अस्पताल में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के निरीक्षण के लिए आई टीम भी अस्पताल के एसएनसीयू की व्यवस्था से प्रभावित रही और दी जा रही सेवाओं की प्रशंसा की।

ग्राम दतरेंगी के पीलाराज दास के शिशु को कम वजन (1 कि ग्रा ) के कारण 40 दिनों तक देखभाल केंद्र में रखा गया जिससे बाद में वजन 1.3 किग्रा है। इसी प्रकार भाटापारा के एक प्रकरण में जुड़वां बच्चों की भी इसी केंद्र में भर्ती कर जान की रक्षा की गई। शिशु में रेटिनोपैथी की जांच के लिए रायपुर के निजी अस्पताल से भी डॉक्टर प्रति सप्ताह आते हैं। एसएनसीयू शुरू होने से लेकर अब तक करीब 12 सौ शिशुओं का यहाँ उपचार हो चुका है।