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छत्तीसगढ़ को ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ में राष्ट्रीय सम्मान: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी बधाई

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ShivFeb 25, 20252 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ ने भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई…

भारत के विकास को गति दे रहा है मध्यप्रदेश : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

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ShivFeb 25, 20257 min read

भोपाल।      केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह…

सिविल लाइन रायपुर में क्रिश्चियन समुदाय के साथ शांति समिति की बैठक हुई आयोजित

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ShivFeb 25, 20253 min read

रायपुर।  पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर डॉ. लाल उमेद…

February 25, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

बिहान समूह की दीदियां हल्दी की खेती की ओर बढ़ रही आगे

रायपुर। हल्दी का उपयोग धार्मिक कार्याें के अलावा मसाला, रंग सामग्री, औषधि तथा उबटन के रूप में किया जाता रहा है। औषधि एवं घरेलू उपयोग के साथ ही हल्दी में कैंसर रोधी गुण भी पाये जाते हैं। इस क्रम में दंतेवाड़ा जिले के विकासखण्ड कुआकोंडा के 5 ग्रामों को हल्दी की पैदावार के लिए चयन किया गया है। बिहान समूह की महिलाएं हल्दी की खेती कर आगे बढ़ती जा रही हैं।

हल्दी शुभ कार्य के साथ खाने के लिए भी बेहतर उपयोग किया जाता है। हल्दी (टर्मरिक) एक भारतीय वनस्पति है यह अदरक की प्रजाति का 5 से 6 फिट बढने वाला पौधा है जिसमें जड़ की गाठो में हल्दी मिलती है। हल्दी को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि मानी गयी है। इसके अलावा भारतीय रसोई में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। धार्मिक एवं सांस्कृतिक

दृष्टिकोण से भी भारतीय समाज में इसको बहुत शुभ समझा जाता है विवाह में तो हल्दीे की रस्म का एक विशेष महत्व है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ के तहत स्थानीय स्व सहायता समूह की दीदियों को हल्दी उत्पादन के लिए खेती की ओर आगे बढ़ रही है। समूह की महिलाएं ग्राम रेंगानार, गढ़मिरी, कुआकोण्डा, हल्बारास, मैलावाड़ा, गोगपाल के इच्छुक 50 महिलाओं को उद्यानिकी विभाग से 20 क्विंटल हल्दी बीज प्रदाय की गई है और समूह की दीदियों ने 40-40 किलो अपनी बाड़ी में हल्दी गाठों का रोपण किया है। इस प्रकार हल्दी उत्पादन इस वर्ष होने पर अगले वर्ष इस हल्दी को मां दन्तेश्वरी महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड कुआकोण्डा के द्वारा खरीदी भी की जायेगी। खरीदी कर इस हल्दी का समूह के द्वारा प्रसंस्करण कर दुकान तथा थोक किराना दुकानों में सप्लाई करने की योजना है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हल्दी की खेती के लिए अच्छा वातावरण है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ द्वारा हल्दी की खेती को महिलाओं की आर्थिक समृद्धि एवं आजीविका से जोड़ते हुए पहल की जा रही हैं।