Special Story

गृह मंत्री के निर्देश का असर: 40 फेरीवालों की हुई सघन जांच, आधार फिंगरप्रिंट से की गई पहचान

गृह मंत्री के निर्देश का असर: 40 फेरीवालों की हुई सघन जांच, आधार फिंगरप्रिंट से की गई पहचान

ShivMay 12, 20252 min read

मुंगेली। प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा द्वारा पश्चिम बंगाल…

मुख्यमंत्री ने बुद्ध पूर्णिमा पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री ने बुद्ध पूर्णिमा पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

ShivMay 12, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 12 मई को…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लालबाग में चल रहे मालवा उत्सव में हुये शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लालबाग में चल रहे मालवा उत्सव में हुये शामिल

ShivMay 11, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को इंदौर के ऐतिहासिक…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव “द चेंजमेकर कॉन्क्लेव” में हुए शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव “द चेंजमेकर कॉन्क्लेव” में हुए शामिल

ShivMay 11, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में आयोजित “द चेंजमेकर कॉन्क्लेव” में विभिन्न…

May 12, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

आग की चपेट में आने से ननद और भाभी की हुई मौत, परिजन लेकर जा रहे थे मुक्तिधाम, फिर हुआ कुछ ऐसा की सीधे पहुंचे हॉस्पिटल

कोरबा। गेवरा बस्ती में बीते दिनों सिगड़ी जलाने के दौरान ननद और भाभी बुरी तरह से झुलस गई। इसके बाद परिजनों ने तत्काल दोनों को इलाज के लिए रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। इलाज के दौरान जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो परिजन उन्हें कोरबा वापस ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही दोनों ने दम तोड़ दिया। परिजन जब अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, तभी मुआवजे की जानकारी मिलने पर शवों को मुक्तिधाम से जिला अस्पताल लाया गया।

ऐसे हुआ हादसा

कोतवाली थाना क्षेत्र के सीतामणी स्थित गोकुलगंज में रहने वाली संतोषी यादव कुछ दिन पहले गेवरा बस्ती स्थित अपने मायके गई हुई थी। वहां वह अपनी भाभी गीता यादव के साथ खाना बना रही थी। सिगड़ी जलाने के लिए उन्होंने सैनेटाइजर का उपयोग किया, जिससे अचानक आग भड़क गई और दोनों उसकी चपेट में आ गईं। इस हादसे में गीता और संतोषी गंभीर रूप से झुलस गईं थीं।

मुआवजे की जानकारी मिलते ही अस्पताल लाए शव

मौत के बाद परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान किसी ने उन्हें बताया कि अप्राकृतिक मौत होने पर सरकारी मुआवजा मिल सकता है। यह सुनते ही परिजन शवों को मुक्तिधाम से जिला अस्पताल ले आए, जहां शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है।