Special Story

हार्डवेयर दुकान में लगी भीषण आग, 50 से 60 लाख रुपये का सामान जलकर खाक

हार्डवेयर दुकान में लगी भीषण आग, 50 से 60 लाख रुपये का सामान जलकर खाक

ShivFeb 24, 20251 min read

सरगुजा। अंबिकापुर में बीती रात एक हार्डवेयर और पेंट की…

राज्यपाल रमेन डेका का अभिभाषण, साय सरकार के कामकाज की तारीफ की…

राज्यपाल रमेन डेका का अभिभाषण, साय सरकार के कामकाज की तारीफ की…

ShivFeb 24, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल रमेन…

February 24, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

नवा रायपुर अटल नगर में एकीकृत उपनगर के विकास हेतु नियमों का सरलीकरण, आदर्श शहरी केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर नवा रायपुर अटल नगर के लेयर 2 में एकीकृत उपनगर के विकास को प्रोत्साहित करने के उ‌द्देश्य से मौजूदा नियमों को अधिक सरल और व्यावहारिक बनाया गया है। यह कदम क्षेत्र में बसाहट और निवेश को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है ।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह बदलाव सुनिश्चित करेगा कि इन आवश्यक सुविधाओं का विकास उपनगर के भीतर अधिक प्रभावी ढंग से हो सके। उन्होंने कहा कि सुधारों का मुख्य उ‌द्देश्य नवा रायपुर अटल नगर के लेयर 2 में एकीकृत उपनगरों के विकास को गति देना और क्षेत्र में बसाहट को बढ़ावा देना है। यह कदम नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने और क्षेत्र को एक आदर्श शहरी केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि सामाजिक सुविधाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, सामुदायिक भवन, और धार्मिक स्थलों के लिए आरक्षित क्षेत्र को न्यूनतम 5 प्रतिशत किया गया है, जो पहले अधिकतम 5 प्रतिशत था। इसके अलावा आवासीय गतिविधियों को प्राथमिकता देते हुए, पूर्व में निर्धारित अधिकतम 50 प्रतिशत क्षेत्र को बदल कर अब न्यूनतम 50 प्रतिशत क्षेत्र को आवासीय उपयोग के लिए अनिवार्य किया गया है। इससे आमजन के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी और लोगों को आवास की बेहतर सुविधा मिलेगी।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) संबंधित प्रावधान को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिसूचना/नियमों के अनुरूप करते हुए संबंधित प्रावधानों में सुधार किया गया है, ताकि इन नियमों में एकरूपता लाई जा सके। साथ ही पर्यावरण संरक्षण और जनस्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, एकीकृत उपनगरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को अनिवार्य किया गया है।

छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 के तहत 10 प्रतिशत क्षेत्र को खुली जगहों जैसे गार्डन और खेल के मैदानों के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान किया गया है।