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March 12, 2025

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सिंहस्थ – 2028 के लिए अभी से करें माइक्रो प्लानिंग : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ – 2028 मध्यप्रदेश का अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। लाखों-करोड़ों श्रद्धालु सिंहस्थ के दौरान उज्जैन आएंगे। किसी भी श्रद्धालु को स्नान व देव दर्शन में कोई कठिनाई हो, इसके लिए व्यापक प्रबंध किए जाएं। पुराने सिंहस्थ आयोजन से सीख लें और आगामी सिंहस्थ के सुव्यवस्थित आयोजन के लिए अभी से माइक्रो प्लानिंग कर व्यवस्थाओं को अंजाम देना प्रारंभ करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में पूर्व में सम्पन्न हुए सिंहस्थ में प्राप्त अनुभवों को केन्द्र में रखते हुए सिंहस्थ – 2028 के योजनाबद्ध आयोजन के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सबसे बेहतर यह होगा कि सिंहस्थ की व्यवस्थाओं और प्रबंधन से जुड़े सभी कार्य जून 2027 के पहले ही पूरे कर लिए जाएं। इससे रह गई कमोबेशी को दुरुस्त करने या व्यवस्थाओं को और भी अधिक बेहतर करने का समय भी मिल सकेगा।

बैठक में नगरीय विकास एवं आवास तथा संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव गृह जे.एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव नगरीय‍विकास एवं आवास संजय कुमार शुक्ल, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, सिंहस्थ की व्यवस्थाओं से जुड़े अन्य विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सहित सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ – 2028 की व्यवस्थाओं एवं प्रबंधन के लिए मंजूर किए गए सभी कार्य जून 2027 तक पूरे कर लिए जाएं। चल रहे कार्यों की मासिक प्रोग्रेस रिपोर्ट की समीक्षा की जाए। प्रबंधन में किसी भी प्रकार की कमी न रहे। मंजूर किए गए सभी काम प्रारंभ हो जाएं और तय समय-सीमा में ही पूरे किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि श्री महाकाल लोक बनने के बाद प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की दिनों-दिन बढ़ती संख्या के हिसाब से ही सिंहस्थ की तैयारी की जाए, क्योंकि जो श्रद्धालु सिंहस्थ में आएंगे, वे बाबा महाकाल सहित अन्य देव स्थलों पर भी अवश्य ही जाएंगे। भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रयास यह हो कि श्रद्धालुओं को ई-बस या ई-ऑटो से महाकाल मंदिर के नजदीक ही छोड़ा जाए, ताकि उन्हें महाकाल दर्शन के लिए अधिक पैदल न चलना पड़े और प्रबन्धन में भी आसानी हो।

सिंहस्थ से पहले अंदरूनी गलियों का भी चौड़ीकरण करें

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु उज्जैन शहर में आएंगे। बड़े मार्गों के अलावा उज्जैन शहर की अंदरूनी गलियों व रास्तों का भी और अधिक चौड़ीकरण करें ताकि श्रद्धालुओं को आवागमन का वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध रहे और वे आसानी से आ-जा सकें। उन्होंने कहा कि उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी व शहर के अंदर सिंहस्थ के लिए जितने भी सेतु निर्माण कार्य जरूरी हैं, वे अभी से प्रारंभ कर लिए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ के दौरान उज्जैन शहर के सभी छोटे-बड़े मंदिरों में भी श्रद्धालुओं के देवदर्शन के लिए समुचित व्यवस्थाएं की जाए। उन्होंने कहा कि यदि संभव हो तो रूद्र सागर में भी घाट बनाने पर विचार कर प्रारंभिक सर्वे भी कर लें।

आपदा/अग्नि प्रबंधन पर दें विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि छोटी-छोटी व्यवस्थागत कमियों की वजह से आयोजन के दौरान ही प्राकृतिक आपदा व अग्नि दुर्घटना से अप्रिय स्थिति निर्मित न हों। सिंहस्थ वर्ष 2028 में है, इसलिए किसी भी प्रकार की आपदा और अग्नि दुर्घटना प्रबंधन पर विशेष ध्यान देकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये वॉलिंटियर्स को प्रापर ट्रेनिंग भी दी जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के लिए बेहतर से बेहतर प्लानिंग अमल में लाई जाए। विशेष ध्यान रहे कि कार्यों में विलंब न हो। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन शहर पहुंचने वाले 7 प्रमुख मार्गों को फोरलेन और एक प्रमुख मार्ग सिक्स लेन रोड के रूप में मंजूरी दे दी गई है। इस पर तेजी से काम प्रारंभ किया जाए, ताकि समय रहते सभी मार्ग तैयार हो जाएं।

बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी वर्ष 2016 के सिंहस्थ के व्यक्तिगत अनुभवों पर सिंहस्थ-2028 के लिए और अधिक बेहतर और व्यापक इंतजाम की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी काम अभी से प्रारंभ कर दिए जाएं, क्योंकि शाही स्नान के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं की एक ही वक्त में एक साथ एक ही स्थान पर मौजूदगी बनी रहने की संभावना रहती है। इसीलिये भीड़ प्रबंधन के‍लिए अत्याधुनिक प्रबंधन किए जाएं।

अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री शुक्ल ने बताया कि मंत्रि-मंडलीय समिति द्वारा सिंहस्थ – 2028 के लिए 7 प्रमुख विभागों द्वारा 7379.75 करोड़ रूपए की लागत से किए जाने वाले कुल 74 अधोसंरचना विकास कार्य मंजूर किए गए हैं। इनमें से 54 विकास कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है, 15 निर्माण कार्य निविदा प्रक्रिया में है और 5 कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। सिंहस्थ – 2028 के पड़ाव क्षेत्र का टाउन प्लानिंग स्कीम (टी.पी.एस.) के माध्यम से विकास किया जाएगा। सिंहस्थ मेला क्षेत्र नगर विकास योजना 8,9,10,11 टी.पी.एस. (सम्मिलित रकबा 2378 हेक्टेयर) को राज्य शासन द्वारा 7 मार्च 2025 को मंजूरी दे दी गई है। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं से जुड़े सभी विभागों द्वारा अपनी-अपनी कार्ययोजना की जानकारी दी गई। बैठक में सिंहस्थ – 2028 के दौरान यातायात प्रबंधन, पार्किंग व सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण, आवास, विद्युत, जल प्रदाय एवं सीवरेज, स्वास्थ्य एवं साफ-सफाई व्यवस्था, उपचार, स्नान, प्रचार-प्रसार, देव दर्शन की व्यवस्था, खाद्य आपूर्ति व्यवस्था, आपदा प्रबंधन, आई.टी. इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, सी.एस.आर. सेल, टूरिज्म सर्किट के निर्माण आदि विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। अधिकारियों ने हाल ही में सम्पन्न हुए प्रयागराज महाकुंभ के फील्ड विजिट से प्राप्त अनुभवों से मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अवगत कराया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के प्रबंधन की सभी बेहतर व्यवस्थाओं को सिंहस्थ में अमल में लाएं।

बैठक में सिंहस्थ – 2028 के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महानिदेशक को सिंहस्थ 2016 के अनुभव के आधार पर सिंहस्थ – 2028 के लिए व्यापक स्तर पर पुलिस एवं सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को अपेक्षित सभी मानव एवं भौतिक संसाधन सहित अत्याधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने सिंहस्थ – 2028 में नियोजित होने वाले पुलिस कर्मियों को विधिवत ट्रेनिंग देकर उन्हें अपने कार्य को बेहतर तरीके से निष्पादित करने के लिए तैयार करने के निर्देश दिए।