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रायगढ़ में 24 घंटे के भीतर दो हाथियों की मौत, वन विभाग में मचा हड़कंप

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ShivJan 22, 20251 min read

रायगढ़।   जिले में 24 घंटे के भीतर दो हाथियों की…

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बलौदाबाजार।  छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के ग्राम खपराडीह स्थित विद्यालय…

January 22, 2025

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श्याम बाई ने मुर्गी पालन को बनाया अपना स्व-रोजगार

रायपुर।  प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में सार्थक पहल हो रही है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लघु एवं कुटीर उद्योगों बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि अधिक महिलाएं उद्योग से जुड़ सके। महिलाएं विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही है। आधुनिक समय के साथ-साथ महिलाएं भी अपनी रूचि को स्व-रोजगार का साधन बनाकर सशक्त हो रही है।

जिला जांजगीर-चांपा से 33 किलोमीटर दूर हैै ग्राम पंचायत मेऊ की श्यामबाई टंडन अपनी जमीन पर खेती करके और मुर्गी पालन अपनाकर अपने परिवार के साथ सुखमय जीवन व्यतित कर रही है। श्यामबाई ने बताया कि 2004 में उनके पति भारत टंडन की मृत्यु हो जाने के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई। उनके पति के रहते ही उन्होंने दोनों लड़कियों की शादी करके अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी थी, लेकिन उनके ऊपर अपनी स्वयं एवं परिवार की जिम्मेदारी थी, ऐसे में उन्होंने हौंसला नहीं छोड़ा और मजबूती के साथ वह अपने पैरों पर खड़ी हुई। उनके पास महज 92 डिसमिल खेती की जमीन है जिस पर वह परंपरागत खेती करती है और उसे बहुत ही कम आय हो रही थी।

श्याम बाई ने अतिरिक्त आमदनी के लिए मुर्गी पालन को भी व्यवसाय के रूप में अपनाया। इससे उनको अच्छी आमदनी हो रही है। छत्तीसगढ़ शासन के अंतर्गत मनरेगा योजना से उनके घर में मुर्गीपालन के लिए शेड बनाकर दिया गया है। श्यामबाई ने बताया कि मुर्गीपालन से उन्हें प्रतिमाह 7 से 8 हजार रूपए की आमदनी हो जाती है। उन्होंने स्व-रोजगार कर मुर्गी पालन से आत्मनिर्भर बन गई और दूसरों के सामने उसे हाथ फैलानी नहीं पड़ रही है। उन्होंने मुर्गी शेड निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ शासन का आभार जताया है।