स्वयंभू प्रकट श्री गणेश मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम रनपुर में आयोजित, वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पूजा-पाठ कर परिसर में किया पौधा रोपण
रायपुर- जशपुर जिले के बगीचा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम रनपुर में श्री गणेश मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम में वित्त मंत्री एवं जशपुर जिले के प्रभारी मंत्री ओ.पी. चौधरी मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए है। उन्होंने नवनिर्मित मंदिर में पूजा-पाठ कर परिसर में पौधा रोपण भी किया। उन्होंने प्रदेश की जनता के लिए समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
ग्राम रनपुर सहित आसपास के क्षेत्रवासियों के सहयोग से रनपुर में श्री गणेश जी भगवान का भव्य मंदिर निर्माण कराया गया है। इस नव निर्मित मंदिर का लोकार्पण कार्यक्रम आज आयोजित किया गया । जिसमें प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर आयोजित सभा में हजारों की संख्या में लोगों की उपस्थिति रही। उक्त सभा को मंत्री सहित मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय, जशपुर विधायक रायमुनि भगत सहित अन्य गणमान्य नागरिकों ने भी संबोधित किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए ओ.पी. चौधरी ने कहा कि जशपुर जिले की जनता ने अपने चहेते नेता को आज प्रदेश की बागडोर सौंपा है। प्रदेश मुखिया के रूप में आज आदिवासी नेता और बेटा आपकी सेवा कर रहे हैं। मुझे प्रतिनिधि के रूप में मुख्यमंत्री ने आपके बीच भेजा है। हमारी सरकार हर वर्ग के लिए काम कर रही है । सभी वर्गों के हितार्थ योजना बना कर धरातल पर उतार रही है।किसान, महिला,युवा सबको सरकार साथ लेकर चल रही है। आने वाले पाँच सालों में जशपुर जिले की विकास के लिए हमारी सरकारी कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि विष्णु देव साय के नेतृत्व में हम हर दिशा में काम कर रहे हैं। जनता का आशीर्वाद हमारी ताकत है यह आशीर्वाद और प्यार बना रहे।
कार्यक्रम में वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी के साथ जशपुर राजपरिवार के सदस्य भी उपस्थित थे। श्री चौधरी ने कहा कि रनपुर शुरू से ही राजपरिवार का चहेता गांव रहा है स्व. कुमार दिलीप सिंह जूदेव रनपुर को खूब पसंद करते थे । रनपुर में उनका बड़ा भंडार है और हमेशा वे दिल्ली-रायपुर से होकर आते तो महीने में एक बार रनपुर जरूर आते थे । जहां मंदिर का निर्माण हुआ है वहां स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने शुरुआत में दस हजार रुपये का सहयोग राशि देकर मंदिर निर्माण की नींव रखी थी। उस समय उनके बड़े बेटे स्व. शत्रुंजय प्रताप सिंह जूदेव को भी रनपुर से खूब लगाव था। वे स्वयं रनपुर पहुंचकर मंदिर के लिये जमीन का चयन किया था। आज भी रनपुर वासी स्व. शत्रुंजय प्रताप सिंह जूदेव के सारी यादों को समेटकर रखें हैं।