Special Story

शिक्षा को अपनाए और नशे से दूर रहें: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

शिक्षा को अपनाए और नशे से दूर रहें: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivApr 10, 20253 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज महासमुंद जिले के खल्लारी…

प्रदेश-व्यापी सुशासन तिहार: तीन दिन में मिले तीन लाख से अधिक आवेदन, गांव-गांव, शहर-शहर में लगी समाधान पेटियां

प्रदेश-व्यापी सुशासन तिहार: तीन दिन में मिले तीन लाख से अधिक आवेदन, गांव-गांव, शहर-शहर में लगी समाधान पेटियां

ShivApr 10, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जनता-जनार्दन…

समाज की गौरवशाली विरासत को संजोए रखने की जरूरत : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

समाज की गौरवशाली विरासत को संजोए रखने की जरूरत : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivApr 10, 20254 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज धमतरी जिले के…

April 11, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

1.02 करोड़ रूपए का गोलमाल: पंजीयन कार्यालयों में दस्तावेजों की जांच में पायी गई गड़बड़ी

रायपुर।     छत्तीसगढ़ शासन के पंजीयन विभाग द्वारा अचल संपित्तयों के क्रय-विक्रय पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इन संपत्तियों के पंजीयन के दौरान दस्तावेज़ों के गलत मूल्यांकन को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये हैं। विभाग के सर्तकता प्रकोष्ठ द्वारा 18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ रुपये की राजस्व हानि की पहचान की और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। सर्तकता प्रकोष्ठ द्वारा संबंधित जिलों के जिला पंजीयक शुल्क की वसूली के लिए प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। साथ ही संबंधित उप पंजीयक एवं जिला पंजीयकों को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया गया है।

गौरतलब है कि राज्य में स्थित 102 पंजीयन कार्यालयों में पंजीबद्ध होने वाले दस्तावेजों में कर अवपंचन की रोकथाम और सतत् निगरानी के लिए महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक मुख्यालय में विभागीय सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। पंजीयन विभाग द्वारा अचल संपत्ति के क्रय-विक्रय से संबंधित दस्तावेजों का पंजीयन से वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग ने लगभग 2505.98 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है।

महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक से मिली जानकारी के अनुसार सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ और बेमेतरा जिले के अधिनस्थ पंजीयन कार्यालयों में पंजीबद्ध दस्तावेजों की रेण्डम जांच की गई। जिनमें 18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ रूपए की राजस्व हानि पायी गई है। इन प्रकरणों में कम बाजार मूल्य का निर्धारण, इसके अलावा मुख्य मार्ग से लगी हुई एक ही खसरे की भूमि को दो दस्तावेजों के माध्यम से मुख्य मार्ग एवं अन्य मार्ग के दर अनुसार अलग-अगल उप पंजीयकों से पंजीयन कराया जाना पाया गया है। साथ ही गाइडलाईन के उपबंधों के अनुसार मूल्याकंन नहीं किया गया है। स्टाम्प शुल्क की छूट का प्रमाण पत्र जिस व्यक्ति के नाम से था उसके नाम से दस्तावेज का पंजीयन न किया जाकर अन्य व्यक्ति के नाम से दस्तावेज का पंजीयन किया गया है तथा औद्योगिक संपत्ति का 25 प्रतिशत अधिक मूल्यांकन नहीं किया गया है। स्टाम्प शुल्क छूट का प्रमाण पत्र बैंक के लोन पर प्रभार्य मुद्रांक शुल्क से छूट का था परंतु उस प्रमाण का लाभ भूमि क्रय करने हेतु लिया गया है। स्टाम्प शुल्क छूट निजी भूमि के क्रय पर दिया गया है परंतु औद्योगिक इकाई द्वारा स्टाम्प शुल्क छूट का लाभ भवन, शेड, मशीनरी हेतु लिया गया है।