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पीएम आवास योजना की धीमी प्रगति पर कलेक्टर सख्त, 22 कर्मचारियों को थमाया शो-कॉज नोटिस

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ShivMay 13, 20253 min read

गरियाबंद। कलेक्टर बी.एस. उइके ने आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना…

5 महिला समेत 14 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 16 लाख का इनाम था घोषित

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ShivMay 13, 20251 min read

सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सल उन्मूलन…

साय केबिनेट की बैठक कल

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ShivMay 13, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार…

18 तहसीलदारों और अधीक्षक भू-अभिलेख अधिकारियों को डिप्टी कलेक्टर पद पर किया गया प्रमोट, देखें पूरी लिस्ट

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ShivMay 13, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रशासनिक सेवा में…

May 13, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

संजय श्रीवास्तव ने भूपेश बघेल के प्रेस कांफ्रेंस पर किया पलटवार, पूछा, नीयत साफ थी तो भूपेश बघेल ने महादेव सट्टा की जांच CBI को क्यों नहीं सौंपी

रायपुर। महादेव सट्टा एप मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि सीबीआई के छापों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चाहे जितना मिथ्या प्रलाप कर लें, प्रदेश की जनता अब उनके झूठे प्रपंचों के झांसे में नहीं आने वाली है। अपने मुख्यमंत्रित्व काल में तो बघेल ने सीबीआई को प्रतिबंधित कर रखा था। यदि उनकी नीयत साफ थी तो मुख्यमंत्री रहते हुए ही बघेल यह मामला सीबीआई को सौंप देते। जब सत्ता हाथ से चली गई तब वह इस मामले की सीबीआई से जांच की मांग करने लगे। श्रीवास्तव ने कटाक्ष किया कि अब सीबीआई जांच कर रही है तो दबाव बनाने के लिए सारे हथकंडे अपना रहे हैं। महादेव सट्टा एप मामले में जिस तरह भूपेश बघेल ने भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार पर ठीकरा फोड़ने की नाकाम कोशिश की है, वह नितांत हास्यास्पद और उनके मानसिक असंतुलन का परिचायक है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की भूपेश सरकार एक ऐसी सरकार के तौर पर जानी जाती रही है, जो अपने ही राजस्व पर डाका डालने का काम करती रही और सरकारी खजाने की लूट को संरक्षण देती रही। बघेल यह याद रखें कि महादेव सट्टा ऐप ही सिर्फ एक मामला नहीं है। ऐसे अनेक घोटाले हैं, जिनमें बघेल की जवाबदेही बनती है। शराब, कोयला, रेत, जमीन घोटालों के साथ ही डीएमएफ घोटाला भी जांच के दायरे में है। श्रीवास्तव ने हैरत जताई कि डीएमएफ घोटाले को लेकर भूपेश सरकार के ही मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने बकायदा पत्र लिखा था, लेकिन बघेल ने बजाय अग्रवाल के पत्र को गंभीरता से लेने के संबंधित कलेक्टर को उपकृत किया और आज वह अधिकारी जेल की सलाखों के पीछे जमानत के लिए मोहताज है। डीएमएफ घोटाले पर तो विधानसभा में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी खुलासे किए थे, लेकिन नतीजा यह हुआ कि मरकाम को अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा।

भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि घपलों-घोटालों में बघेल सरकार के सहयोगी अधिकारियों को भूपेश बघेल ने न केवल संरक्षण दिया, अपितु उनके गिरफ्तार होने पर वे सरेआम उनके वकील बने रहे। प्रदेश में सीबीआई को प्रतिबंधित करके पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने अपने भ्रष्ट कारनामों के इरादों की पटकथा की जो भूमिका लिखी थी, अब उसका जवाब देने का समय आया है तो बघेल समेत तमाम कांग्रेसी रोना-धोना मचा रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि बघेल यह कतई न भूलें कि प्रदेशभर में उन्होंने जो अपने कार्यकाल में घोटालों की श्रृंखला चलाई थी, अभी तो उसकी जांच की यह शुरु‌आत है। अभी तो बघेल को तमाम घोटालों की जवाबदेही से जूझना है और प्रदेश को अपने शासनकाल में मचाई गई लूट की पाई-पाई का हिसाब देना है।