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विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष महंत के साथ PCC चीफ दीपक बैज ने की चर्चा

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ShivFeb 28, 20251 min read

रायपुर।  विधानसभा बजट सत्र का चौथा दिन हंगामेदार रहा. विपक्ष…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की पुण्यतिथि पर उन्हें किया स्मरण

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ShivFeb 28, 20251 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्र भारत के प्रथम…

बैज की रेकी पर बिफरा विपक्ष, सदन के पूरे दिन की कार्यवाही का किया बहिष्कार…

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ShivFeb 28, 20251 min read

रायपुर। दीपक बैज की रेकी पर बिफरे विपक्ष ने सदन के…

मेडिकल पीजी प्रवेश प्रक्रिया निरस्त, हाई कोर्ट ने नए सिरे से काउंसलिंग के दिए निर्देश…

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ShivFeb 28, 20252 min read

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में मेडिकल पीजी प्रवेश प्रक्रिया को निरस्त करते हुए…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव की जयंती पर किया नमन

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ShivFeb 28, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी…

February 28, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

पर्यावरण नियमों को ताक में रखकर धड़ल्ले से अवैध उत्खनन कर रहे रेत माफिया, राजस्व का भी हो रहा नुकसान

बलौदाबाजार। जिले में रेत माफिया नियमों को दरकिनार कर महानदी से अवैध रूप से रेत का उत्खनन कर रहे हैं. यह काम देर रात में भी शुरू रहता है. इससे पर्यावरण का नुकसान हो रहा है साथ ही राज्य और जिले के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. बता दें कि जिले में पलारी के दतान, कसडोल के सुनसुनिया, चंगोरी, पिकरी व रींवाडीह रेत खदान है, जिसमें चार शुरू है और एक का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. इन रेत खदानों में लगभग 15 से 20 चैन माउंटेन उत्खनन में दिनरात लगे रहते हैं.

प्रशासन की खानापूर्ति

बलौदाबाजार भाटापारा जिले के खनिज प्रशासन की बात करें तो यहां पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी संजीदगी से कार्रवाई को अंजाम देते हैं पर रात में होने वाले रेत उत्खनन पर इनकी नजर नहीं जाती. यदि शिकायत आई तो परिवहनकर्ताओं पर कार्यवाही करते हैं पर रेत खदान के ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं करते. सूत्रों की माने तो इन रेत ठेकेदारों की ओर से एक बड़ी रकम प्रदान की जाती है. सूत्र के अनुसार कार्रवाई की जानकारी पहले रेत खदानों के संचालकों को मिल जाती है, जिसका बड़ा कारण यहां पर पदस्थ नगर सेना के कर्मचारी हैं, जो बलौदाबाजार जिले में वर्षों से पदस्थ है. कलेक्टर की ओर से यदि कार्यवाही का आदेश होता है तो ये ठेकेदारों को सूचित कर देते हैं, जिससे बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती है. सूत्र यह भी बताते हैं कि खनिज विभाग में पदस्थ नगर सेना के कर्मचारी अपनी पदस्थापना के लिए अधिकारियों को भी मोटी रकम देते हैं.

खनिज विभाग में अधिकारियों का टोटा

जिले में जब भी कार्यवाही की बात आती है तो खनिज विभाग अधिकारियों की कमी बताते हैं, जो सही भी है. पर्यावरण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी अवैध रूप से उत्खनन कर रहे ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं करते और न कभी जांच करने आते हैं जबकि पर्यावरण विभाग का क्लीयरेंस बहुत जरूरी होता है. रेत खदानों की ठेके की बात करें तो ठेका किसी के नाम पर होता है और चलाता कोई और है. यह जांच का विषय है.

इन सबके बीच बलौदाबाजार भाटापारा जिले में आचार संहिता के दौरान भी धड़ल्ले से देर रात अवैध उत्खनन जारी है. देखना अब यह होगा कि क्या वाकई प्रदेश सरकार रेत खदानों में अवैध उत्खनन को लेकर संजीदा है और कार्रवाई करती है या नहीं, फिर क्या यह ऐसे ही चलते रहेगा.