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तीन नर कंकाल मामले में एसपी की बड़ी कार्रवाई, थाना प्रभारी लाइन अटैच

तीन नर कंकाल मामले में एसपी की बड़ी कार्रवाई, थाना प्रभारी लाइन अटैच

ShivNov 16, 20242 min read

बलरामपुर।  छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में 15 नवंबर को एक खेत…

November 16, 2024

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छत्‍तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में आदिवासी बच्चों को रोबोटिक्स और AI पढ़ाएगी साय सरकार

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने नक्सल प्रभावित और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। यहां मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से सरकार ने राज्यभर के सरकारी स्कूलों में कौशल शिक्षा के एकीकृत पाठ्यक्रम चलाने के लिए तीन साल का अनुबंध किया है।

यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) 2023 के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य छात्रों को आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना है। आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों के कौशल विकास के लिए साय सरकार ने “नियद नेल्लानार योजना” शुरू की है। जिसका हिंदी में अर्थ है “आपका अच्छा गांव”।

इसके तहत शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं आदिवासियों को दी जा रही है। योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक जगह शिविर लगाकर पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं।

ऐसे चलेगा कौशल विकास का कार्यक्रम

स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों के कौशल विकास के लिए मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ अनुबंध किया है। समझौते के तहत पहले दो शैक्षणिक वर्षों में 800 सरकारी स्कूलों में कौशल शिक्षा लागू की जाएगी। इस अवधि के दौरान 1,600 शिक्षक कक्षा छठवीं से 10 तक के 40,000 छात्रों को कौशल और जीवन कौशल की शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।

कार्यक्रम शुरू में कांकेर और कोंडागांव में शुरू होगा। बाद में राज्य के सभी 33 जिलों में विस्तार करने की योजना है। मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के सीईओ जयंत रस्तोगी ने किशोरों के सशक्तिकरण और विकास के लिए कौशल शिक्षा को लेकर सरकार के साथ योजना बना ली है।

सीएम साय ने आदेश दिया है कि आदिवासी बच्चों को उनकी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में प्रदान की जाए। ऐसे में मातृभाषा जानने वाले स्थानीय शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

स्कूल शिक्षा सचिव का विशेष जोर

राज्य के स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने छात्रों को आधुनिक चुनौतियों के लिए तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पाठ्यक्रम रचनात्मक और रोजगारोन्मुखी होंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि 12वीं के बाद स्कूल से निकलने वाले युवाओं को बेहतर नौकरी के अवसर मिलें और वे समसामयिक जरूरतों के अनुरूप खुद को ढाल सकें।