Special Story

CGMSC गड़बड़ी: रायपुर-दुर्ग समेत हरियाणा के दर्जनभर से अधिक ठिकानों पर ACB-EOW ने मारा छापा, कई अहम दस्तावेज किए बरामद

CGMSC गड़बड़ी: रायपुर-दुर्ग समेत हरियाणा के दर्जनभर से अधिक ठिकानों पर ACB-EOW ने मारा छापा, कई अहम दस्तावेज किए बरामद

ShivJan 27, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में हुई गड़बड़ी के…

अंतिम व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए काम करती है भाजपा- डिप्टी सीएम विजय शर्मा

अंतिम व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए काम करती है भाजपा- डिप्टी सीएम विजय शर्मा

ShivJan 27, 20253 min read

रायपुर।   हम दीनदयाल के अंत्योदय के सिद्धांत “अंतिम व्यक्ति तक…

निकाय चुनाव 2025: कांग्रेस ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ की इन 6 नगर पंचायतों में अपने प्रत्याशियों का किया ऐलान, देखें पूरी लिस्ट

निकाय चुनाव 2025: कांग्रेस ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ की इन 6 नगर पंचायतों में अपने प्रत्याशियों का किया ऐलान, देखें पूरी लिस्ट

ShivJan 27, 20251 min read

सारंगढ़-बिलाईगढ़। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आगामी नगरीय निकाय चुनावों के लिए…

January 27, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

धमतरी निगम में बेंच खरीदी पर मचा बवाल, भाजपा ने बाजार से तीन गुना ज्यादा कीमत पर खरीदी का लगाया आरोप, महापौर को घेरा…

धमतरी। धमतरी नगर निगम में ताजा बवाल कास्ट आयरन बेंच की खरीदी को लेकर मचा हुआ है. विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि निगम ने एक बार नहीं बल्कि तीन बार बाजार से तीन गुना ज्यादा कीमत पर कास्ट आयरन बेंच की खरीदी की है. यही नहीं इन बेंच को कबाड़ के साथ खुले में छोड़ दिया गया है. भाजपा ने मामले में महापौर को घेरते हुए खरीदी की जांच की मांग की है. 

भाजपा पार्षद विजय मोटवारी ने दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए बताया कि निगम ने 2022 से अब तक बगीचों में लगने वाले कास्ट आयरन बेंच की तीन बार खरीदी की है. महापौर की अनुशंसा पर 57 लाख रुपए की लागत से 340 नग बेंच खरीदे गए. इस तरह से एक बेंच करीबन पौने 17 हजार रुपए की पड़ रही है, जबकि खुले बाजार में ये बेंच 5 से 6 हज़ार रुपए में मिल जाते हैं. इस तरह से बाजार की कीमत से तीन गुना ज्यादा कीमत पर निगम ने खरीदी की हैं।

यही नहीं इन बेंच को कबाड़ के बीच खुले में छोड़ दिया गया है. अब सवाल यह है कि जब इन बेंच के इस्तेमाल कहां करना है, इसका पता नहीं था तो खरीदी क्यों की गई. वह भी एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार. निगम के सर्वेसर्वा होने के नाते महापौर विजय देवांगन ने खरीदी की अनुशंसा की है, लेकिन जब उन्हें नहीं मालूम कि इन बेंच का कहां इस्तेमाल होना है तो फिर उन्होंने खरीदी की अनुशंसा क्यों की.

महापौर ने बताया राजनैतिक आरोप

भाजपा के आरोपों को महापौर विजय देवांगन राजनैतिक बताते हुए पल्ला झाड़ने का प्रयास करते नजर आए. उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा कि कि कोई भी खरीदी महापौर नहीं, निगम प्रशासन करता है. महापौर सिर्फ अनुशंसा ही करता है. इसके साथ ही उन्होंने स्वयं बेंच खरीदी की जांच कराने की चुनौती दी है.

चुनाव में भारी पड़ सकता है मुद्दा

भाजपा और महापौर के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच प्रदेश में नगरीय निकायों के चुनाव की चल रही तैयारियों के बीच 20-25 दिन में आचार संहिता लगने की आशंका है. ऐसे में अगर बेंच खरीदी की मामला तूल पकड़ने लगा तो चुनाव के समय महापौर को जवाब देना मुश्किल पड़ जाएगा, जिसका खामियाजा आखिरकार कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है.