भारत माला परियोजना पर सदन में हंगामा : विपक्ष ने की मामले की जांच CBI से कराने की मांग, मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा- EOW जांच कर रही, दोषियों पर होगी कार्रवाई

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का 13वां दिन हंगामेदार रहा. भारत माला सड़क परियोजना को लेकर विपक्ष हमलावर नजर आया. विपक्ष ने इस परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए सीबीआई से इसकी जांच करने की मांग की. इसके जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने सदन को बताया कि सरकार ने ईओडब्ल्यू जांच की घोषणा की है.
उन्होने कहा कि अभनपुर तहसील क्षेत्र में मुआवजा वितरण गड़बड़ी होना पाया गया है. रायपुर संभागायुक्त की ओर मामले की जांच की गई थी. जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई करते हुए अभनपुर के तत्कालीन एसडीएम को निलंबित किया गया है. हालांकि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में रायपुर से विशाखापट्टनम तक इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है. भारत माला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के अधीनस्थ आता है. जिन गांव की जमीनों को अधिग्रहीत कर इकोनॉमिक कॉरिडोर बनना था, वहां मुआवजा वितरण में करोड़ों रुपयों का हेर-फेर का मामला सामने आया. बजट सत्र की शुरुआती दिनों से नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भारत माला प्रोजेक्ट के तहत मुआवजा वितरण में हो रही गड़बड़ियों का सवाल लगाया था. शुरुआती दिन में विभाग से जवाब में जानकारी एकत्रित करने की बात कही गई. जब सत्र के दूसरे सप्ताह में जवाब आया तब सदन में प्रश्नकाल की शुरुआत हो चुकी थी. अधिकारियों की लेट लतीफी और गैर जिम्मेदारी को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने सख्त हिदायत में पूरे मामले की जानकारी देने की व्यवस्था दी.
बजट सत्र के तीसरे सप्ताह में राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने मुआवजा वितरण में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी संक्षिप्त में दी. वहीं इस बात को सरकार ने स्वीकारा कि भारत माला प्रोजेक्ट में बड़ी गड़बड़ियां हुई है. सत्तापक्ष के भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार को स्वीकारने के बाद विपक्ष ने सदन में पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की. राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने सदन के अंदर संभाग आयुक्त से जांच करने की घोषणा की. वहीं विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक में निर्णय किया गया कि पूरे मामले की जांच EoW करेगी. विपक्ष ने ईओडब्लयू से मामले की जांच कराए जाने पर आपत्ति जताई. पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि सदन की अवहेलना की गई है. सदन में जब मंत्री ने घोषणा की तब वह कैबिनेट में निर्णय लेकर कैसे ईओडब्लयू की जांच की घोषणा कर सकते हैं.
भारत माला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ी उजागर होने पर लगभग दर्जनभर अधिकारियों को निलंबित किया गया. वहीं अब इस मामले में ईओडब्लयू जांच करेगी. विपक्ष का कहना है कि इस मामले की जांच को केंद्रीय एजेंसी के माध्यम से किया जाना चाहिए. राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा का कहना है कि कांग्रेस ने पहले सीबीआई पर बैन लगा दिया था. अब सीबीआई जांच की मांग कर रही है. भारत माला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की एक बड़ी परियोजना है. भूमि अधिग्रहण में काफी अनियमितता पाई गई थी. सरकार ने स्वतंत्र जांच के लिए ईओडब्ल्यू को पूरा मामला सौंपा है, जो भी दोषी होगा उसपर कार्रवाई की जाएगी.