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पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

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ShivApr 19, 20251 min read

बलौदाबाजार। बलौदाबाजार पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसमें…

पहाड़ियों में मिला नक्सलियों का बंकर, सोलर प्लेट और हथियार बनाने का सामान बरामद

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ShivApr 19, 20251 min read

बीजापुर।    छत्तीसगढ़ में अब माओवादियों के खात्मे का काउंटडाउन…

वनमंत्री केदार कश्यप ने लघुवनोपज प्रसंस्करण केंद्र का किया अवलोकन

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ShivApr 19, 20251 min read

रायपुर।    प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने आज…

April 19, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

कांग्रेस से रुचिर गर्ग ने दिया इस्तीफा, पत्रकारिता में हो रही वापसी…

रायपुर। पत्रकारिता छोड़ राजनीति में आने वाले रुचिर गर्ग ने कांग्रेस छोड़ दी है. उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष दीपक बैज को भेज दिया है. आगे अब पुनः वे पत्रकारिता में लौटने वाले हैं. 

रुचिर गर्ग ने बैज को भेजे इस्तीफे में लिखा है कि विन्रमतापूर्वक आपको सूचित कर रहा हूँ कि मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ. दरअसल, मैं किसी भी तरह की सक्रिय अथवा निष्क्रिय राजनीति से अलग होकर एक बार फिर पत्रकारिता में ही संभावनाएं तलाशना चाहता हूँ.

जब मैंने पत्रकारिता से अवकाश लेकर राजनीति की राह पकड़ी थी तब भी मेरे लिए लक्ष्य धर्मनिरपेक्षता और संवैधानिक मूल्यों के हक में खड़े रहना था, और आज भी मेरी प्रतिबद्धता इन मूल्यों के प्रति उतनी ही गहरी है. मैं कामना करता हूँ कांग्रेस पार्टी इस देश की महान स्वतंत्रता संग्राम से उपजे मूल्यों के साथ ही लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के प्रति हमेशा ही प्रतिबद्ध रहे.

गौरतलब है कि रुचिर गर्ग देश के जाने-माने पत्रकारों में से एक हैं. उन्होंने प्रिंट और टीवी मीडिया में सालों तक अपनी सेवाएं दी हैं. 2018 विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी. 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस रिकॉर्ड सीटों के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही. सरकार बनने के बाद भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने और उन्होंने रुचिर गर्ग को अपना मीडिया सलाहकार बनाया.

5 साल मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के तौर पर उन्होंने काम किया. इस दौरान पत्रकारों की हित कई महत्वपूर्ण लिए सरकार ने लिए थे. वहीं पत्रकार सुरक्षा कानून का ड्राफ्ट भी उन्होंने तैयार कराया. हालांकि कैबिनेट से मंजूरी और विधानसभा से विधेयक पास होने के बाद भी यह कानून अब तक राजभवन में ही अटका हुआ है.