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ShivMay 12, 20252 min read

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ShivMay 12, 20253 min read

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May 12, 2025

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चावल समृद्धि 2024 : विशाखापत्तनम पोर्ट प्राधिकरण ने कृषि निर्यात वृद्धि को दिया बढ़ावा

रायपुर।     भारत के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विशाखापत्तनम पोर्ट अथॉरिटी (वीपीए) ने राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन सीजी के सहयोग से “चावल समृद्धि 2024” का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य छत्तीसगढ़ और इसके परे चावल व्यापार को प्रोत्साहित करना था. वीपीए के अध्यक्ष, डॉ. एम. अंगमुथु, आईएएस के गतिशील नेतृत्व में इस कार्यक्रम में पोर्ट की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया, जो इस क्षेत्र से चावल निर्यात को आकर्षित करने और कृषि व्यापार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है. डॉ. अंगमुथु की दृष्टि वीपीए को पूर्वी भारत में चावल निर्यात के एक प्रमुख द्वार के रूप में उभरने की दिशा में थी और उन्होंने आश्वासन दिया कि वीपीए इस क्षेत्र को समर्थन देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार है.

इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के व्यापार समुदाय, राज्य सरकार, और कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर) की ओर से व्यापक प्रतिक्रिया देखी गई. उच्च स्तरीय गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिनिधियों ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई, जिनमें आईएएस रजत कुमार सचिव उद्योग, छत्तीसगढ़; कॉनकोर के वरिष्ठ अधिकारी, गायत्री आईआरटीएस, समूह महाप्रबंधक शामिल थीं. राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड के प्रबंध निदेशक उनुपम कौसिक की उपस्थिति ने इस आयोजन को महत्वपूर्ण बना दिया. उन्होंने कृषि निर्यात को सुदृढ़ बनाने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया.

राइस ट्रेड एसोसिएशन के नेताओं जैसे मुकेश जैन, अध्यक्ष, राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ और योगेश अग्रवाल अध्यक्ष राइस मिलर्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ने संगठित व्यापार नेटवर्क की भूमिका पर जोर दिया, जो चावल निर्यात को प्रोत्साहित करने और किसानों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण है. इस कार्यक्रम को विशाखापत्तनम स्टेवडोर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, संभाशिव राव, और विशाखा कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ, कैप्टन सुदीप बनर्जी जैसे वीपीए व्यापार समुदाय के प्रमुख सदस्यों का भी समर्थन मिला.

वीपीए का प्रतिनिधित्व करते हुए दुर्गेश कुमार दुबे, आईआरटीएस उपाध्यक्ष ने भारत के प्राथमिक क्षेत्र निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पोर्ट की प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित किया. उन्होंने वीपीए की व्यापक दृष्टिकोण को उजागर किया, जो किसानों और निर्यातकों को विश्व स्तरीय सुविधाओं के माध्यम से समर्थन प्रदान करता है, जिसमें उन्नत कार्गो हैंडलिंग, सुरक्षित भंडारण, और कृषि उत्पादों के लिए कुशल परिवहन समाधान शामिल हैं. पोर्ट का लक्ष्य पूर्वी क्षेत्र से चावल और अन्य कृषि उत्पादों के प्रवाह को सुविधाजनक बनाना और भारत की व्यापार क्षमताओं को बढ़ाना है.

कार्यक्रम के दौरान हुई चर्चाओं में निर्यात लागतों को प्रभावित करने वाली बुनियादी ढांचा चुनौतियों को संबोधित किया गया. रजत कुमार, सचिव उद्योग, छत्तीसगढ़ ने सूखा बंदरगाहों में बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि निर्बाध निर्यात-आयात (EXIM) कंटेनर मूवमेंट सक्षम हो सके और सड़क परिवहन पर निर्भरता कम हो सके. गायत्री ने आश्वासन दिया कि कॉनकोर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है, विशेष रूप से रेलवे पटरियों के विद्युतीकरण और छत्तीसगढ़ में सूखा बंदरगाह क्षमताओं को बढ़ाकर, ताकि लॉजिस्टिक्स लागत को कम किया जा सके. इस कार्यक्रम का समापन रायपुर को निर्यात-आयात (EXIM) कार्गो के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों पर सहमति के साथ हुआ, जिसमें हितधारकों ने इस लक्ष्य की दिशा में ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया. वीपीए ने कृषि व्यापार को बढ़ावा देने के लिए निर्यातकों को सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करने के अपने समर्थन को पुनः स्थापित किया.