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रायपुर : आज शाम घरों में नहीं आएगा पानी, फिल्टरप्लांट में बदला जाएगा खराब वाल्व

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ShivJan 9, 20251 min read

रायपुर।    रावणभाठा फिल्टरप्लांट में खराब एनआरव्ही वाल्व बदले जाने का…

सत्यवती को अब नहीं होगी चलने में परेशानी, जिला अस्पताल मुंगेली में बोन टयूमर का हुआ सफल ऑपरेशन

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ShivJan 9, 20252 min read

रायपुर।     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप स्वास्थ्य सुविधाओं एवं बेहतर…

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी, अब तक लगभग 110 लाख मीट्रिक टन की हो चुकी खरीदी

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ShivJan 9, 20251 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के…

युवा शक्ति राष्ट्र विकास को देगी नई दिशा : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 8, 20254 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री…

January 9, 2025

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छत्तीसगढ़ के चावल निर्यातकों को मिलेगी मंडी शुल्क में छूट, साय सरकार के फैसले से चावल उद्योग को मिलेगा प्रोत्साहन

रायपुर।     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ के चावल उद्योग को प्रोत्साहित करने तथा राज्य से गैर-बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चावल निर्यातकों को मण्डी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क से पूर्णतः छूट देने का निर्णय लिया है। यह छूट उन निर्यातकों को मिलेगी जो राज्य के राइस मिलर्स और मंडियों के माध्यम से खरीदे गए धान से तैयार गैर-बासमती चावल का निर्यात करेंगे। शुल्क में छूट देने का उद्देश्य छत्तीसगढ़ से गैर बासमती चावल निर्यात को बढ़ावा देना और राज्य के किसानों तथा चावल मिलर्स को अधिक लाभ दिलाना है। सरकार के इस फैसले से छत्तीसगढ़ के चावल उद्योग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मंडी शुल्क एवं किसान कल्याण में छूट दिए जाने की अधिसूचना को राजपत्र में प्रकाशन के लिए जारी कर दिया गया है। यह छूट अधिसूचना प्रकाशन के दिनांक से लेकर एक वर्ष तक के लिए होगी। उक्त दोनों शुल्कों में छूट के लिए चावल निर्यातकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके शिपिंग बिल में चावल के कार्गाे का मूल स्थान छत्तीसगढ़ लिखा हो। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ का वस्तु एवं सेवा कर विवरण, लदान बिल, और बैंक री-कॉसिलेशन स्टेटमेंट की प्रति संबंधित मंडी में प्रस्तुत करनी होगी। राज्य के पंजीकृत चावल निर्यातकों और राइस मिलर्स को एक घोषणा पत्र देना होगा, जिसमें यह स्पष्ट रूप से दर्शाया गया हो कि चावल छत्तीसगढ़ से खरीदे गए धान से तैयार किया गया है। राइस मिलर्स को मंडी अधिनियम के तहत चावल निर्यातकों को परमिट जारी करना होगा।