Special Story

शिक्षा को अपनाए और नशे से दूर रहें: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

शिक्षा को अपनाए और नशे से दूर रहें: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivApr 10, 20253 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज महासमुंद जिले के खल्लारी…

प्रदेश-व्यापी सुशासन तिहार: तीन दिन में मिले तीन लाख से अधिक आवेदन, गांव-गांव, शहर-शहर में लगी समाधान पेटियां

प्रदेश-व्यापी सुशासन तिहार: तीन दिन में मिले तीन लाख से अधिक आवेदन, गांव-गांव, शहर-शहर में लगी समाधान पेटियां

ShivApr 10, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जनता-जनार्दन…

समाज की गौरवशाली विरासत को संजोए रखने की जरूरत : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

समाज की गौरवशाली विरासत को संजोए रखने की जरूरत : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivApr 10, 20254 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज धमतरी जिले के…

April 11, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मुख्य न्यायाधीश द्वारा लंबित न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा

रायपुर।     मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के निर्देशानुसार रिट, क्रिमिनल अपील, क्रिमिनल रिवीजन, अवमानना प्रकरणों एवं अन्य प्रकरणों में औचित्यहीन लंबित प्रकरणों (Infructuous Cases) का चिन्हांकन कर सूचीबद्ध करने का कार्य किया जा रहा है। प्रकरणों का भौतिक सत्यापन जिला न्यायालय बिलासपुर, रायपुर एवं दुर्ग में, पदस्थ, 40 न्यायिक अधिकारियों एवं उच्च न्यायालय स्थापना में पदस्थ लगभग 36 अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। उक्त कार्य के 21 वें दिन आज गुरूवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपरोक्त कार्यों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इसके दौरान मुख्य न्यायाधीश द्वारा उच्च न्यायालय में चल रहें उच्च न्यायालय के भवन के आधारभूत संरचना के नवीनीकरण के कार्य प्रगति की समीक्षा की गई।

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में 13 मई से 07 जून 2024 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश है, इस दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के निर्देशानुसार औचित्यहीन लंबित प्रकरणों (Infructuous Cases) का भौतिक सत्यापन, निराकृत प्रकरणों का डिजीटल माध्यम अर्थात् स्केंनिग उपरान्त भौतिक सत्यापन, एवं उच्च न्यायालय के भवन के आधारभूत संरचना के नवीनीकरण के कार्यों को किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि माननीय उच्चतम् न्यायालय के निर्देशानुसार औचित्यहीन लंबित प्रकरणों (Infructuous Cases) को चिन्हांकित करने की प्रणाली विकसित किया गया है ताकि ऐसे उपरोक्त चिन्हांकित लंबित प्रकरणों को सुनवाई पश्चात् निराकृत किया जा सके।