समीक्षा बैठक : स्कूलों और शिक्षकों की बिगड़ती छवि पर मुख्यमंत्री नाराज, सख्ती के निर्देश, कहा- ट्रांसफर के लिए भी बनाई जाए नीति
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री ने विभाग के कार्यों में सुधार के लिए कई कड़े निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने ट्रांसफर नीति बनाकर ट्रांसफर के निर्देश दिए. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव मुकेश बंसल, स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, डीपीआई दिव्या मिश्रा समेत शिक्षा विभाग के सीनियर अफसर मौजूद थे.
मुख्यमंत्री साय ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि शराब सेवन कर स्कूलों में पहुंचने वाले और अनुशासनहीनता बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, साथ ही उन्हें अनिवार्य रिटायरमेंट किया जाए. साथ ही स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए.
बैठक में दिये गए महत्वपूर्ण निर्देश :
1. आदिवासी जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के द्वारा संचालित 85 एकलव्य स्कूलों को भी अन्य स्कूलों की तरह स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन करने की कार्रवाई किये जाने के लिए निर्देशित किया गया. इसके लिए भारत सरकार से पत्राचार किया जाए.
2. लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निर्मित एच.आर.एम.आई.एस. पोर्टल में शिक्षकों की समस्त प्रकार की जानकारियों को अद्यतन किया जाए. इसी पोर्टल में शिक्षकों के स्थानांतरण का प्रावधान करने के लिए निर्देशित किया गया.
3. सभी शासकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं तथा जिला एवं विकासखण्ड स्तर के लिए कार्ययोजना बनाई जाए. यदि शासकीय स्कूलों का परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम आता है, तो संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों / विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों / संस्था प्रमुखों / शिक्षकों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए. विशिष्ट परीक्षा परिणाम देने वाले संस्था प्रमुखों / शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाए.
4. स्कूलों में मद्यपान करके आने वाले शिक्षकों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए. इसके लिए संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी / विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया जाए. मद्यपान करके आने वाले शिक्षकों, लंबी अनुपस्थिति वाले शिक्षकों और जिन शासकीय सेवकों का कार्य संतोषप्रद नहीं है, उन्हें शासन के नियमानुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही की जाए.
5. शिक्षा के क्षेत्र में अन्य राज्यों में कुछ अच्छा काम हो रहा है, तो उसका अध्ययन कर राज्य में भी परिस्थिति के अनुरूप लागू करने की कार्रवाई की जाए.
6. शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाए.
7. डीएवी स्कूलों के संबंध में राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की जाए.
8. अपार आईडी में पालकों का मोबाइल नंबर अपडेट कराया जाए.
9. बोर्ड परीक्षा के पश्चात् युक्तिकरण के संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए. उक्त युक्तिकरण में परिसर में संचालित ऐतिहासिक पुराने स्कूल को रखते हुए नए स्कूल को मर्ज करने के निर्देश दिए गए. सभी विद्यालयों को बालक एवं बालिका के लिए समान रूप से संचालित किया जाए. पृथक से बालिका विद्यालय प्रारंभ करने की अनुमति न दी जाए.
10. स्कूल शिक्षा विभाग के लिए स्थानांतरण नीति बनाई जाए, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में सेवा करने के पश्चात् ही शहरी क्षेत्र में स्थानांतरण किए जाने का समावेश हो.
11. स्कूलों में दिए जाने रहे गणवेश के कलर चेंज करने एवं गुणवत्ता सुधारने की ओर ध्यान दिया जाए. स्कूल खुलने के पहले गणवेश वितरित कराया जाना सुनिश्चित करें. जिनका कार्य अच्छा है, उन्हें गणवेश का कार्य दिया जाए.
12. अनुसूचित क्षेत्रों में 20 बोलियों की किताबें बना रहे हैं, उन्हें पढ़ाने के लिए कोई रास्ता निकालते हुए, स्थानीय युवाओं को शिक्षादूत के रूप में रखने के निर्देश दिए गए.
13. यदि कोई दानदाता अतिरिक्त कक्ष निर्माण आदि के लिए दान देना चाहता है, तो उस कक्ष में उनकी नाम पट्टिका लगाकर उनका नाम अंकित किया जाए. सभी शासकीय विद्यालयों में एलुमिनी आयोजित कर पूर्व छात्रों की सहायता से विद्यालय के शैक्षिक एवं भौतिक प्रयास किए जाएं.
14. अच्छे विद्यार्थियों के लिए कैरियर काउंसलिंग और कोचिंग के प्रयास किए जाएं.
15. कन्या छात्रावास एवं अन्य छात्रावासों की अधिकारियों द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग की जाए, साथ ही छात्राओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए.
16. स्कूलों का समय-समय पर राज्य, जिला और विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कराया जाना सुनिश्चित करें. निरीक्षण में शैक्षिक गुणवत्ता तथा विद्यालय की भौतिक संसाधनों को चिन्हांकित किया जाए.
17. शिक्षकों को आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण दिया जाए.
18. प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शाला में विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना की जाए. 2023 में किए गए संशोधन को विलोपित किया जाए.
19. आगामी चार वर्ष में विभाग की अकादमिक उन्नति के लिए रोडमैप तैयार किया जाए एवं इसका अनुमोदन लिया जाए.
20. सीएसआर के तहत शिक्षा विभाग में क्या-क्या हो सकते हैं, उन क्षेत्रों की पहचान की जाए.
21. शिक्षकों के प्रशिक्षण की नीति बनाई जाए. विद्यार्थियों के लिए अच्छे शैक्षिक वीडियो तैयार किए जाएं.