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ShivFeb 27, 20253 min read

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देश के दिल मध्यप्रदेश में पर्यटन के स्वर्ण युग का हुआ आरंभ : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दंगवाड़ा में की बोरेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना

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ShivFeb 27, 20251 min read

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राइस मिल में बड़ा हादसा, लोहे की पाइप गिरने से मजदूर की मौत

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ShivFeb 27, 20252 min read

धमतरी। जिले के नवागांव खुर्द स्थित साईं एग्रोटेक राइस मिल में…

February 27, 2025

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राजस्व मंत्री बने सर्वेयर, मोबाईल में जियो-रिफ्रेसिंग के जरिए एंट्री कर खसरा का किए सत्यापन

रायपुर।     राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा आज बलौदाबाजार भाटापारा जिले के ग्राम सकरी में डिजिटल क्रॉप सर्वे का अवलोकन किया। उन्होंने पगडंडियों से चलकर बीच खेत में पहुंचकर मोबाईल के माध्यम से जियो-रिफ्रेंसिंग के जरिए एंट्री कर खसरा का सत्यापन किए। इसके लिए मंत्री श्री वर्मा स्वयं सर्वेयर बने। उन्होंने ग्राम सकरी के किसान नेतराम साहू के खेत खसरा नंबर 1150,1151 एवं 1152 का सत्यापन कार्य पूर्ण किए. श्री वर्मा ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित भारत के रूप में विकसित करने का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा है जिसके तहत सभी सरकारी कामकाजों में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग सरकार कर रही है डिजिटल क्रॉप सर्वे भी उसका एक उदाहरण है। इससे फसल की सटीक जानकारी मुहैया होती है।

गौरतलब है की डिजिटल क्रॉप सर्वे में निजी सर्वेयर की भूमिका जियो-रिफ्रेंस के रूप में होती,जो डिजिटल रूप से फसल का सर्वे सभी खेतों में जाकर करेंगे। निजी सर्वेयर को प्रतिदिन 30 से 50 खसरों का टास्क दिए गए है। जिसे सर्वेयर खेत में जाकर लॉगिन करेंगे। उनसे तहसीलदार पूछेंगे क्या आप उपलब्ध हैं और हां में जवाब आएगा। वैसे ही एप में प्लॉट की स्थितिए खसरा नंबर ए एरिया ऑनर का नाम अपने आप फीड हो जायेगा। जो क्रॉप लगी है उसका तीन फोटो लॉन्गिट्यूट लैटिट्यूट के साथ तीन फोटो अपलोड करना है। इस प्रकार एक नंबर का कार्य पूर्ण होगा। जिसमें पटवारी की भूमिका पर्यवेक्षक और राजस्व निरीक्षक की भूमिका सत्यापनकर्ता तथा तहसीलदार व नायब तहसीलदार की भूमिका जांचकर्ता अधिकारी के रूप में की गई है। सर्वेक्षकों द्वारा संपादित सभी खसरे आरआई के पास नहीं आयेगा। सर्वेक्षकों द्वारा सर्वे किये गए खसरे पटवारी के पास आएंगे। पटवारी इसे अनुमोदन करेगा या रिसेंड करेगा। पटवारी द्वारा दो बार रिजेक्ट होने की स्थिति में आरआई के आईडी में आयेगा। ऐसे खसरों की संख्या बहुत कम होगी, जहां मौके में जाकर आवश्यकतानुसार सत्यापन किया जाएगा।

इसके साथ ही फिल्ड में क्या बोया गया है फसल की जिंस का नाम, मिश्रित फसल की स्थिति में सभी फसलों का अनुमानित रकबा, सिंचित-असिंचित फसल, एकवर्षीय या बहुवर्षीय, सीजनल फसल की जानकारी आदि भरी जायेगी। सर्वेयर द्वारा साफ्टवेयर में बोये गये जिंस व एकल व मिश्रित फसल की स्थिति में बोये गये फसल या पड़त रकबा की अनुमानित प्रविष्टि करेगा। यदि साफ्टवेयर में जियो-रिफ्रेंस्ड रकबा के अनुसार सर्वे किए गए रकबा का योग एक समान नहीं आयेगा। तब तक डेटा सेव नहीं होगा। सर्वेयर किसी भी खसरा नंबर की भूमि के मेड़ में खड़े होकर फोटो कैप्चर नहीं करेगा। यदि ऐसा वे करते हैं तो आसपास के खसरा नंबर के लॉन्गिट्यूट लैटिट्यूट मिस्डमैच होगा। इसलिए सर्वेयर प्रत्येक खसरा नंबर की भूमि के अंदर कम से कम मेड़ से 10 मीटर की दूरी पर जाकर प्रयोग संपादित करेगा। यदि पिक्चर में गेहूं फसल दिख रहा पर सर्वेक्षक ने धान प्रविष्ट किया हो अथवा प्लाट खाली है और फोटो गन्ना का अपलोड किया है, तो वही डेटा को पटवारी रिसेंड करेगा। सर्वेक्षक सुधार कर फिर से पटवारी को भेजेगा। यदि पटवारी पुनः रिजेक्ट करता है तब आरआई के आईडी में आयेगा। पटवारी द्वारा परंपरागत ढंग से की जाने वाली गिरदावरी से यह फिलहाल अलग है। धान खरीदी पटवारी द्वारा की गई गिरदावरी के आधार पर की जाएगी। डिजिटल क्राप सर्वे उन्हीं ग्रामों में की जायेगी, जहां जियोरिफ्रेंसिंग का सेकेंड लेवल कार्य का संपादन हो गया है। सभी ग्रामों के खसरा नंबरों में नहीं की जाएगी। यह शासन की बहुआयामी योजना है। सकारात्मक ढंग से इस कार्य का संपादन करना है। साफ्टवेयर बहुत ही आसान बनाया गया है। किसी भी वर्जन के एंड्रॉयड मोबाईल में प्रयोग किया जा सकता है, जिसमें ये सपोर्ट करें। इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य स्काउट एवं गाइड विजय केसरवानी,एसडीएम बलौदाबाजार अमित गुप्ता,तहसीलदार राजू पटेल उपस्थित रहे।