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उप मुख्यमंत्री अरुण साव नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ दो दिनों तक करेंगे मंथन

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ShivMay 4, 20253 min read

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जगद्गुरु शंकराचार्य जयंती उत्सव समारोह में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव

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ShivMay 4, 20252 min read

रायपुर।     जगद्गुरु स्वामी शंकराचार्य का जीवन हम सभी के…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया लॉयर्स चेम्बर एवं मल्टीलेवल पार्किंग का शिलान्यास

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ShivMay 4, 20252 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को जबलपुर में…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीवा सिटीजन ऐप का किया शुभारंभ

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भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को नगर पालिक…

May 4, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

IPS जीपी सिंह के सहयोगी को हाई कोर्ट से राहत, कांग्रेस सरकार के समय दर्ज एफआईआर को किया खारिज, जानिए क्या था मामला…

बिलासपुर। कारोबारी से वसूली के मामले में आईपीएस गुरजिंदर पाल सिंह के साथ आरोपी बनाए गए उद्योगपति रणजीत सिंह सैनी को हाई कोर्ट से राहत मिल गई है. उनके खिलाफ वर्ष 2021 में सुपेला पुलिस थाना में दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया है. मामले में पहले ही आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज किया जा चुका है. 

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की बेंच ने रणजीत सिंह सैनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हिमांशु पांडेय के तर्कों को सुनने के बाद फैसला देते हुए बेंच ने माना कि समान आरोप पर इस न्यायालय ने सह-अभियुक्त गुरजिंदर पाल सिंह के खिलाफ एफआईआर को पहले ही खारिज कर दिया है. ऐसे में याचिकाकर्ता को भी यही लाभ दिया जाना चाहिए.

बेंच ने माना कि इसके अलावा याचिकाकर्ता किसी उच्च पद पर नहीं है, ऐसे में अभियोजन पक्ष का पूरा मामला फर्जी प्रतीत होता है. ऐसे में सुपेला थाना में 27 जुलाई 21 को दर्ज एफआईआर को रद्द करने के साथ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, दुर्ग द्वारा 27 मई 2022 का आदेश और प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट, दुर्ग द्वारा याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप तय करने का 12 मार्च 2024 का आदेश को निरस्त कर दिया है.

मामले में रणजीत सिंह सैनी के अधिवक्ता हिमांशु पांडेय ने चर्चा में बताया कि कोर्ट ने कहा कि चूंकि रणजीत सिंह इतने बड़े पद पर नहीं हैं, जो केस को प्रभावित कर सकें. यह फंसाने के लिए झूठा केस किया गया था. इस आधार पर कोर्ट ने एफआईआर, चार्जशीट और आगे की कार्रवाई को खारिज कर दिया है.

जानिए पूरा मामला

बता दें कि कमल सूर्या विहार स्मृतिनगर में रहने वाले कमल सेन ने वर्ष 2007 में हथखोज में श्याम कैमिकल नाम से व्यवसाय शुरू किया. फैक्ट्री में छत्तीसगढ़ पुलिस ने दबिश दी. कमल और फैक्ट्री के कर्मचारी प्रकाश चक्रधारी और भेग सिंह पुलिस महासमुंद ले गई, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. इसके करीब 6 महीने बाद इस पूरे मामले में कमल सेन को जमानत मिली थी.

कमल की पत्नी ने आरोप लगाया कि आईपीएस जीपी सिंह के सहयोगी रणजीत ने उनसे संपर्क कर चालान में धाराएं कम करने और जल्दी पेश करने के एवज में 1 करोड़ रुपए की मांग की थी. 20 लाख रुपए बतौर एडवांस देने पर मदद करने का आश्वासन दिया. इसके बाद कमल सेन की पत्नी, दोस्त और साला तीनों से 5 जुलाई 2016 को रणजीत सिंह घर गए, जहां से सभी जीपी सिंह के पेंशन बाड़ा स्थित मकान पर गए. यहां रुपए लिए गए.

मामले में छह साल बाद 28 जुलाई 2021 को कमल सेन की शिकायत पर सुपेला पुलिस ने आईपीएस जीपी सिंह और रणजीत सिंह के खिलाफ धारा 388, 506 और 34 के तहत केस दर्ज किया था. मामले में सुपेला पुलिस ने रणजीत सिंह सैनी को गिरफ्तार किया था.