Special Story

शीत लहर की चपेट में सरगुजा संभाग, इन जिलों में प्रशासन ने बदला स्कूलों का समय…

शीत लहर की चपेट में सरगुजा संभाग, इन जिलों में प्रशासन ने बदला स्कूलों का समय…

ShivNov 28, 20241 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ठंड का असर नजर आने लगा है. सरगुजा…

November 28, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

राम नाम का गोदना बनवाकर जगा रहे भक्ति की अलख, राजिम कुंभ कल्प मेले में पहुंचे रामनामी अनुयायी…

गरियाबंद। पूरे शरीर में राम नाम का गोदना, सिर पर मोरपंख का मुकुट धारण किए हुए और राम नाम लिखा वस्त्र पहनकर रामभक्ति की अलख जगाते रामनामी लोगों में रामभक्ति की अनोखी परंपरा है. इन राम नामी अनुयायियों की एक जत्था राजिम कुंभ कल्प मेला में पहुंचा है. 

सारंगढ़, बिलाईगढ़, जांजगीर-चापा, बलौदा बाजार से 18 रामनामी राजिम कुंभ कल्प मेले में आए हुए हैं, जिसमें तीन महिलाएं और शेष पुरुष हैं. इनके सिर पर मोर पंख लगा हुआ मुकुट है, जिसके नीचे में राम-राम लिखा हुआ है. कौशल भारतीय ने बताया कि इस पंथ को मानने वाले अपने शरीर भर में राम-राम का गोेदना बनवाते है, लेकिन अब केवल माथे पर ही राम राम लिखा होता है. जिसे शिरोमणी कहते है.

उन्होंने बताया कि 1975 में इस संस्था का पंजीयन हुआ था. उस समय रामनामी को मानने वालो की 27 हजार से अधिक थी, अब यह धीरे-धीरे कम होती जा रही है.

ऐसा माना जाता है कि रामनामी संप्रदाय को मानने वाले लोगो के रोम-रोम राम बसता है. इसीलिए अनुयायियों के पूरे शरीर में रामनाम का गोदना बना होता हैं. उनका कहना है कि प्रत्येक मानव में राम का वास होता है. इसलिए हम उन्हें राम-राम कहकर संबोधित करते हैं, और भगवान श्रीराम को याद करते हैं.

इस पंथ को मानने वाले चालीस वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को ही स्वीकार किया जाता है. इनका पूरा जीवन राम के लिए समर्पित होता है. राम नाम को ही अपने जीवन का एकमात्र आधार मानते हैं, और उनके प्रति अपने श्रद्धा भक्ति को अपने पूरे शरीर में राम नाम का गोदना गुदवाकर प्रकट करते हैं. हर समय ये राम नाम का जाप करते है. इनके पांच प्रमुख प्रतीक होते है भजन, शरीर पर राम नाम, घुंघरू बजाना, मोर पंख से मुकुट पहनना, सफेद कपड़ा ओढ़ना. ये सृष्टि के कण-कण में राम को देखते हैं.