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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय…

जातिगत जनगणना पर केंद्र सरकार के निर्णय का सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने किया स्वागत

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ…

तबादलों को लेकर ACS की अगुवाई में बनी कमेटी, IAS मनोज पिंगुआ बनाए गए अध्यक्ष

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  राज्य में तबादलों का दौर शुरू होने वाला है।…

रायपुर रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर होंगे शिफ्ट, 18 जून से नए स्थान से मिलेगा टिकट

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, रायपुर रेल मंडल द्वारा रायपुर रेलवे…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी की तृतीय बैठक सम्पन्न

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ShivJun 16, 20253 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय…

June 16, 2025

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राम नाम का गोदना बनवाकर जगा रहे भक्ति की अलख, राजिम कुंभ कल्प मेले में पहुंचे रामनामी अनुयायी…

गरियाबंद। पूरे शरीर में राम नाम का गोदना, सिर पर मोरपंख का मुकुट धारण किए हुए और राम नाम लिखा वस्त्र पहनकर रामभक्ति की अलख जगाते रामनामी लोगों में रामभक्ति की अनोखी परंपरा है. इन राम नामी अनुयायियों की एक जत्था राजिम कुंभ कल्प मेला में पहुंचा है. 

सारंगढ़, बिलाईगढ़, जांजगीर-चापा, बलौदा बाजार से 18 रामनामी राजिम कुंभ कल्प मेले में आए हुए हैं, जिसमें तीन महिलाएं और शेष पुरुष हैं. इनके सिर पर मोर पंख लगा हुआ मुकुट है, जिसके नीचे में राम-राम लिखा हुआ है. कौशल भारतीय ने बताया कि इस पंथ को मानने वाले अपने शरीर भर में राम-राम का गोेदना बनवाते है, लेकिन अब केवल माथे पर ही राम राम लिखा होता है. जिसे शिरोमणी कहते है.

उन्होंने बताया कि 1975 में इस संस्था का पंजीयन हुआ था. उस समय रामनामी को मानने वालो की 27 हजार से अधिक थी, अब यह धीरे-धीरे कम होती जा रही है.

ऐसा माना जाता है कि रामनामी संप्रदाय को मानने वाले लोगो के रोम-रोम राम बसता है. इसीलिए अनुयायियों के पूरे शरीर में रामनाम का गोदना बना होता हैं. उनका कहना है कि प्रत्येक मानव में राम का वास होता है. इसलिए हम उन्हें राम-राम कहकर संबोधित करते हैं, और भगवान श्रीराम को याद करते हैं.

इस पंथ को मानने वाले चालीस वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को ही स्वीकार किया जाता है. इनका पूरा जीवन राम के लिए समर्पित होता है. राम नाम को ही अपने जीवन का एकमात्र आधार मानते हैं, और उनके प्रति अपने श्रद्धा भक्ति को अपने पूरे शरीर में राम नाम का गोदना गुदवाकर प्रकट करते हैं. हर समय ये राम नाम का जाप करते है. इनके पांच प्रमुख प्रतीक होते है भजन, शरीर पर राम नाम, घुंघरू बजाना, मोर पंख से मुकुट पहनना, सफेद कपड़ा ओढ़ना. ये सृष्टि के कण-कण में राम को देखते हैं.