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April 2, 2025

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बिलासपुर हाई कोर्ट में अवमानना मामलों की पेंडेंसी में आई कमी

रायपुर।    बिलासपुर हाई कोर्ट में लगातार अवमानना मामलों की पेंडेंसी में कमी आई है। मार्च 2023 में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के प्रभार संभालने के बाद से ही अभी तक 1143 मामलों का निराकरण किया जा चुका है, जिससे आम लोगों को राहत मिली है। वर्तमान में 10 जुलाई की स्थिति में 944 मामले ही लंबित है। खास बात है कि यह पहली बार हुआ है कि अवमाननों मामलों की सुनवाई और निराकरण के लिए चीफ जस्टिस श्री सिन्हा ने पहल करते हुए अलग से रोस्टर जारी किया है। इससे अब अवमानना मामलों की सुनवाई दो से अधिक कोर्ट में हो रही है, जिससे प्रकरणों का त्वरित गति से निराकरण हो रहा है।

गौरतलब है कि नवंबर 2022 में हाई कोर्ट में 2299 मामले अवमानना के लंबित थे। इसके बाद मार्च 2023 में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने ज्वाइन करने के साथ ही इसके लिए अलग से व्यवस्था की। पिछले करीब एक सालों में 720 और मामले अवमानना के दायर हुए। उसके बाद भी लंबित प्रकरणों की संख्या नहीं बढ़ी और तेजी से निराकरण किया गया।

वर्ष 2015 में 611 केस का रजिस्ट्रेशन किया गया था, जिसमें 814 डिस्पोजल केस, 324 पेंडिंग केस है। इसी तरह वर्ष 2016 में 650 रजिस्ट्रेशन, जिसमें 597 डिस्पोजल केस, 377 पेंडिंग केस, वर्ष 2017 में 792 रजिस्ट्रेशन, 736 डिस्पोजल केस, 433 पेंडिंग केस, वर्ष 2018 में 1329 रजिस्ट्रेशन, 1019 डिस्पोजल केस, 743 पेंडिंग केस, वर्ष 2019 में 1209 रजिस्ट्रेशन, 958 डिस्पोजल केस, 994 पेंडिंग केस, वर्ष 2020 में 1023 रजिस्ट्रेशन, 507 डिस्पोजल केस, 1510 पेंडिंग केस, वर्ष 2021 में 1016 रजिस्ट्रेशन, 538 डिस्पोजल केस, 1988 पेंडिंग केस, वर्ष 2022 में 1282 रजिस्ट्रेशन, 946 डिस्पोजल केस, 2324 पेंडिंग केस, वर्ष 2023 में 1194 रजिस्ट्रेशन, 2623 डिस्पोजल केस, 895 पेंडिंग केस और वर्ष 2024 में 720 रजिस्ट्रेशन, जिसमें से 649 केस का निराकरण किया जा चुका है और 966 केस बाकी है, जो पूर्व के पेंडिंग केस से काफी कम है।