Special Story

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज यहां नवा रायपुर के…

थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

ShivJun 15, 20251 min read

दुर्ग। जिले में प्रशासनिक कारणों से शनिवार को पुलिस अधीक्षक…

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर।  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर हो रहे इस राष्ट्रीय…

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। डुंडा पाम मिडास के बाजू फ्रेंड्स क्लब कॉलोनी के…

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

ShivJun 15, 20252 min read

कोंडागांव।   कोंडागांव जिला में एक पिकअप वाहन के पलटने से…

June 16, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सेवानिवृत्ति के 6 माह पश्चात् जीपीएफ से नहीं कर सकते वसूली, हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला…

बिलासपुर। सेवानिवृत्त होने के बाद मिलने वाली सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) की राशि किसी भी कर्मचारी के लिए आगे के जीवन का आधार होती है. ऐसे में जीपीएफ से वसूली के आदेश को चुनाती देते हुए दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. बेंच ने कहा कि सेवानिवृत्ति के छह माह पश्चात जीपीएफ से राशि की वसूली नहीं की जा सकती है.

अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में पर्यवेक्षक (पुरुष) के पद से गौरेला निवासी हृदयनारायण शुक्ला 30 जून 2020 को सेवानिवृत्त हुए थे. इसके 9 महीने बाद महालेखाकार कार्यालय ने जीपीएफ राशि से अधिक वेतन की निकासी बताते हुए उनके जीपीएफ एकाउन्ट में ऋणात्मक शेष बताते हुए वसूली आदेश जारी किया था.

वसूली आदेश को चुनौती देते हुए हृदयनारायण शुक्ला ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय व स्वाति सराफ के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी.

अधिवक्ताओं ने छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्यनिधि नियम 1955 और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 का हवाला देते हुए बताया कि जीपीएफ खाते से ऋणात्मक शेष राशि की वसूली सेवानिवृत्ति से पूर्व या सेवानिवृत्ति के पश्चात् सिर्फ छह माह तक की अवधि में ही वूसली की जा सकती है. इससे अधिक की अवधि व्यतीत हो जाने पर जी.किसी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती है.

मामले में याचिकाकर्ता के सेवानिवृत्त होने के नौ माह पश्चात् महालेखाकार कार्यालय की ओर से जीपीएफ खाते में ऋणात्मक शेष बताते हुए वसूली आदेश जारी किया गया जो कि नियमों का उल्लंघन है. हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता के विरूद्ध जारी वसूली आदेश को निरस्त कर महालेखाकार कार्यालय को निर्देशित किया गया कि याचिकाकर्ता के सम्पूर्ण बकाया जीपीएफ राशि का तत्काल भुगतान करें.