Special Story

पीएम आवास योजना में लापरवाही पर CEO ने की बड़ी कार्रवाई : 14 पंचायत सचिवों का रोका वेतन

पीएम आवास योजना में लापरवाही पर CEO ने की बड़ी कार्रवाई : 14 पंचायत सचिवों का रोका वेतन

ShivJun 3, 20252 min read

रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने…

राजधानी में युवती के साथ गैंगरेप, वीडियो बनाकर किया ब्लैकमेल, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

राजधानी में युवती के साथ गैंगरेप, वीडियो बनाकर किया ब्लैकमेल, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

ShivJun 3, 20252 min read

रायपुर। राजधानी के गुढ़ियारी थाना क्षेत्र में एक 19 वर्षीय युवती…

June 4, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

युक्तियुक्तकरण : BEO ने पद का किया दुरुपयोग, हिंदी टीचर पत्नी को बताया गणित का टीचर, आयुक्त द्वारा किया गया सस्पेंड

दुर्ग।  युक्तियुक्तकरण में लापरवाही को लेकर आज दो बड़ी कार्रवाई हुई है। एक ओर जहां बालोद में जिला शिक्षा अधिकारी को युक्तियुक्तकरण से अलग कर दिया गया, तो वहीं एक BEO को सस्पेंड कर दिया गया। दुर्ग जिले के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी (BEO) गोविंद साव को शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में कर्तव्य में गंभीर लापरवाही और कदाचार का दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि साव ने अपनी पत्नी को अतिशेष घोषित होने से बचाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर कर जानकारी में कुटरचना की। दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने कलेक्टर दुर्ग के प्रतिवेदन के आधार पर यह कार्रवाई की है।

दुर्ग जिले के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी गोविंद साव पर पद का दुरुपयोग कर पत्नी को लाभ पहुंचाने का आरोप सिद्ध होने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकृत, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1)(क) के तहत की गई है।

निलंबन आदेश के अनुसार, निलंबन अवधि में साव का मुख्यालय कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग रहेगा और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा। साव पर आरोप है कि उन्होंने युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत परिशिष्ट-02 में अपनी पत्नी कुमुदनी साव को “उच्च वर्ग शिक्षक (हिंदी)” के बजाय “उच्च वर्ग शिक्षक (गणित)” के रूप में दर्ज किया। यह बदलाव जानबूझकर इसलिए किया गया ताकि गणित विषय की आवश्यकता बताकर उनकी पत्नी को अतिशेष शिक्षकों की सूची से बाहर रखा जा सके।

इस प्रकार की कुटरचना एक जिम्मेदार अधिकारी के पद पर रहते हुए न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 03 के भी प्रतिकूल है, जो अधिकारियों से निष्पक्षता, ईमानदारी और पारदर्शिता की अपेक्षा करता है।कलेक्टर दुर्ग द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में इस विषय को गंभीरता से उठाया गया था। इसके आधार पर संभागीय आयुक्त ने तुरंत संज्ञान लेते हुए साव को निलंबित किया और उनके विरुद्ध विभागीय जांच की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है।