Special Story

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

ShivApr 19, 20251 min read

दुर्ग।   छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस को नशे के…

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

रायपुर।    राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरों…

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

बलौदाबाजार। बलौदाबाजार पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसमें…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ में पहली बार दिखा दुर्लभ पक्षी ब्लैक-नेक्ड ग्रीब, पानी पर तैरते हुए बनाते हैं घोंसले

खैरागढ़।  छत्तीसगढ़ में पहली बार दुर्लभ पक्षी ब्लैक-नेक्ड ग्रीब (Podiceps nigricollis) देखा गया है, जो प्रदेश की जैव विविधता के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. बिलासपुर के कोपरा डैम में इसकी मौजूदगी दर्ज की गई है. यह पक्षी विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी खोज मानी जा रही है. छत्तीसगढ़ में इस दुर्लभ पक्षी के दिखने का यह पहला रिकॉर्ड है. 

14 दिसंबर, 2024 को एक नियमित बर्डवॉचिंग सर्वे के दौरान डॉ. लोकश शरण ने इस अनोखे पक्षी को देखा, उसी समय इसकी तस्वीरें भी खींची गई.  बाद में, इन तस्वीरों को विशेषज्ञों और विश्वसनीय वैज्ञानिक स्रोतों से मिलाने के बाद पुष्टि हुई कि यह वास्तव में ब्लैक-नेक्ड ग्रीब ही है. इस खोज के बाद, बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमी और शोधकर्ता कोपरा डैम पहुंचने लगे. 

अनुराग विश्वकर्मा और उनकी टीम द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि यहां 113 पक्षी प्रजातियों की मौजूदगी दर्ज की जा चुकी है, जिनमें पेंटेड स्टॉर्क, वूली-नेक्ड स्टॉर्क, मिस्र का गिद्ध (Egyptian Vulture), यूरेशियन कर्ल्यू और ब्लैक-टेल्ड गॉडविट जैसी महत्वपूर्ण प्रजातियां शामिल हैं. लेकिन अब ब्लैक नेक्ड ग्रीब का यहां देखे जाने से पक्षी विज्ञानियों की जिज्ञासा बढ़ा दी है. 

ब्लैक-नेक्ड ग्रीब पानी पर तैरते हुए बनाते हैं घोंसले 

ब्लैक-नेक्ड ग्रीब अपनी अनूठी बनावट के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है. इसकी गहरी लाल आंखें, माथे का उठा हुआ भाग और सिर पर काले रंग की टोपी जैसी आकृति, जो आंखों के नीचे तक फैली होती है, इसे अन्य ग्रीब प्रजातियों से अलग बनाती है. यह आकार में छोटे लिटिल ग्रीब (Tachybaptus ruficollis) और बड़े ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब (Podiceps cristatus) के बीच होता है. यह पक्षी आमतौर पर यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के ठंडे इलाकों में पाया जाता है और सर्दियों में प्रवास करते हुए भारत के कुछ हिस्सों में पहुंचता है. यह पानी पर तैरते हुए घोंसले बनाता है, जो जलीय पौधों और घास से बने होते हैं. हर साल, इसके उड़ने वाले पंख झड़ जाते हैं, जिससे यह 1-2 महीने तक उड़ नहीं पाता. दिलचस्प बात यह है कि यह दुनिया के सबसे सामाजिक ग्रीब प्रजातियों में से एक है और हजारों की संख्या में झुंड बनाकर प्रवास करता है. खासकर सर्दियों में जब यह नमकीन समुद्री झीलों की ओर जाता है. 

क्या कोपरा डैम बन सकता है नया प्रवासी ठिकाना?

बिलासपुर से 12-13 किमी की दूरी पर स्थित कोपरा डैम को सिंचाई और पेयजल स्रोत के रूप में जाना जाता है. लेकिन ब्लैक-नेक्ड ग्रीब की मौजूदगी यह संकेत देती है कि यह जगह प्रवासी पक्षियों के लिए एक नया ठिकाना बन सकती है. इससे पहले यह प्रजाति गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और गंगा के मैदानी इलाकों में देखा गया था, लेकिन छत्तीसगढ़ में पहली बार इसका दस्तावेजीकरण हुआ है. इस खोज को उत्तर प्रदेश जर्नल ऑफ जूलॉजी ने वॉल्यूम-46 में 28 फरवरी 2025 को प्रकाशित किया है. यह शोध प्रकृति शोध एवं संरक्षण सोसाइटी के डॉ. लोकेश शरण और प्रतीक ठाकुर ने लिखा है. 

आने वाले समय में कोपरा डैम और आसपास के क्षेत्रों में दूसरे दुर्लभ पक्षियों का भी दस्तावेजीकरण किया जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह स्थान प्रवासी पक्षियों के अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है. ब्लैक-नेक्ड ग्रीब की यह उपस्थिति सिर्फ एक नई प्रजाति की खोज नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की जैव विविधता के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इस खोज से यह भी साबित होता है कि राज्य में अभी कई अनदेखे प्राकृतिक रहस्य छिपे हुए हैं, जिन्हें खोजे जाने की जरूरत है. पक्षी प्रेमियों, वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जिससे छत्तीसगढ़ को बर्डवॉचिंग के एक नए गंतव्य के रूप में उभरने का मौका मिल सकता है.