महतारी वंदन के पैसों से इस बार बहनों की रक्षाबंधन मनेगी शानदार
रायपुर। राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में आयोजित जनदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची हैं। उनमें से कुछ महिलाएं अपनी समस्या लेकर पहुंची तो कुछ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को महतारी वंदन योजना के लिए धन्यवाद देने जनदर्शन में आई।
राजिम से आई हेमलता तारक, पूर्णिमा बंजारे और श्रीमती पूर्णिमा ने बड़े हर्ष से बताया कि इस महीने जैसे ही महतारी वंदन का पैसा खाते में आया तभी सोच लिया कि इनसे अब धूमधाम से रक्षाबंधन मनाएंगे। भाईयों के लिए राखी और अच्छी मिठाईयां खरीदेंगे।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने हमें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए महतारी वंदन योजना की शुरुआत की। हम मुख्यमंत्री श्री साय का आभार व्यक्त करते हैं। भिलाई की अंजना दास और सुनंदा साहू ने कहा कि महतारी वंदन का पैसा जब-जब खाते में आता है, बहुत खुशी मिलती है। योजना में आए कुछ पैसे खर्च करते हैं और कुछ बचाते हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महतारी वंदन योजना की छठवीं किश्त एक अगस्त को जारी कर दी है। इस योजना अंतर्गत लगभग 70 लाख माताओं-बहनों के खातों में राशि अंतरित हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अनुरूप माताओं-बहनों को हर महीने महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 1000 रूपए देने का संकल्प लिया था।
प्रशासनिक अमले ने तेजी से सर्वे का काम पूरा करते हुए हितग्राही महिलाओं से फार्म भरवाए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 मार्च को महतारी वंदन योजना की पहली किश्त जारी की थी। इसके पश्चात नियमित रूप से यह किश्त जारी की जा रही है। नियमित रूप से यह राशि आने की वजह से महिलाएं काफी खुश हैं। कुछ महिलाएं अपने घरेलू बजट को इससे व्यवस्थित कर पा रही हैं, तो कुछ राशि को बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में खर्च कर रही हैं। कुछ भविष्य के लिए पैसे बचा रहीं हैं और कुछ निवेश भी कर रही हैं।
महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन में सुशासन के मूल्य स्पष्ट झलकते हैं। डीबीटी के माध्यम से राशि का अंतरण हो रहा है इससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है। बीते दिनों जनदर्शन में भी बहुत सी महिलाओं ने आवेदन दिए साथ ही महतारी वंदन योजना को लेकर अपनी खुशी भी जाहिर की थी। इन महिलाओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि विष्णु का सुशासन हमारे जीवन में बहुत सुख-समृद्धि लेकर आया है। इसके पहले महिलाओं को लेकर इतनी अच्छी योजना हमारे राज्य में क्रियान्वित नहीं की गई थी। इससे हमारे सपने पूरे हो रहे हैं।