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स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जनदर्शन में सुनी जनता की समस्याएं

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ShivJun 8, 20253 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज…

केटीयू ने आयोजित किया मीडिया-जनसंचार शिक्षा पर मार्गदर्शन शिविर, बड़ी संख्या में जुड़े छात्र

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ShivJun 8, 20253 min read

रायपुर।  कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय और प्रेस क्लब,…

June 8, 2025

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राजिम कुंभ कल्प : मेले में पहुंचा 12 साल का नागा बाबा, कठिन परीक्षा के बाद नागा साधु बनने होते हैं पात्र

गरियाबंद। राजिम कुंभ कल्प में विभिन्न क्षेत्रों से नागा साधु संत पहुंचे हुए हैं। इन नागा संतों के बीच एक 12 साल का नागा बाबा श्रद्धालुओं के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। नागा बाबा का नाम देवागिरी महाराज है, जो जूना अखाड़ा के 13 मणि जगरामा परिवार में शामिल हुआ है। कक्षा छटवीं तक पढ़ा नरसिंगपुर जिले का रहने वाला ये बाल नागा धर्म की रक्षा और ईश्वर प्राप्ति के लिए नागा बनना स्वीकार किया है। अभी उनकी प्रारंभिक स्थिति है। कुछ बरसों की कठिन परीक्षा और परीक्षण के बाद उन्हें विधिवत नागा पद्धति से दीक्षित किया जाएगा। तब वे पूर्ण रूप से नागा साधु बनने के लिए पात्र होंगे।

कुंभ मेले में पहुंचे लोगों में यह चर्चा बनी हुई है कि इतनी छोटी सी उम्र में नागा साधुओं के कठोर नियम और विधान को ये नन्हा बालक नागा साधु कैसे कर पाएगा? वैसे नागा साधुओं की बात करें तो इसकी प्रक्रिया आसान नहीं होती है। नागा बनने के लिए पहले अखाड़े में सेवा देनी पड़ती है। इस दौरान अखाड़ा, आवेदक का इतिहास और पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी इकट्ठा करता है।

आवेदक का गृहस्थ आश्रम से कोई संबंध नहीं होना चाहिए। फिर किसी कुंभ मेले में उसे दीक्षा दी जाती है, जिसमें दीक्षा लेने वालों को पिंडदान करना होता है। दीक्षा प्रक्रिया के बाद उसे नए नाम के साथ अखाड़े में प्रवेश मिलता है।